जब मार्च 2020 में महामारी की वजह से दुनिया के सारे शेयर बाजार तेजी से नीचे गिर रहे थे तब शेयर बाजार में सभी निवेशकों को लॉस हो रहा था लेकिन इस समय कुछ लोग ऐसे थे जिन्होंने अपने जीवन में सबसे ज्यादा पैसा इस गिरावट के दौरान शॉर्ट सेलिंग करके कमाया था लेकिन क्या आपको पता है कि शॉर्ट सेलिंग क्या है
शॉर्ट सेलिंग कैसे करते हैं, शॉर्ट सेलिंग के फायदे क्या है, शॉर्ट सेलिंग कब करते हैं, बैंक निफ्टी में शॉर्ट सेल कैसे करते हैं और शॉर्ट सेलिंग करके लाखों रुपए कैसे कमाते हैं ऐसे ही कई सारे सवालों के जवाब आज हम आपको इस लेख के माध्यम से देने वाले हैं तो चलिए सबसे पहले जानते हैं कि शॉर्ट सेलिंग क्या होती है
शॉर्ट सेलिंग क्या होती है
किसी कंपनी के Share को पहले Short Sell करके जब उसकी कीमत कम हो जाती है तब उसे Buy करके प्रॉफिट कमाते हैं इसे ही शॉर्ट सेलिंग कहते हैं आपने ज्यादातर stock market में देखा होगा कि आप किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदते हैं और जब उसकी कीमत बढ़ जाती है तब उसे बेचकर प्रॉफिट कमाते हैं लेकिन शॉर्ट सेलिंग करते समय हमें इसका बिल्कुल उल्टा करना होता है
शॉर्ट सेलिंग के समय आपको किसी भी शेयर को पहले बेचना होता है और जब उसकी कीमत कम हो जाती है तब उसे खरीद कर प्रॉफिट कमाया जाता है चलिए हम आपको शॉर्ट सेलिंग क्या होती है और शॉर्ट सेलिंग कैसे करते हैं को एक उदाहरण के माध्यम से समझाते हैं
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शॉर्ट सेलिंग कैसे करते हैं
शॉर्ट सेलिंग उदाहरण –
मान लेते हैं आप एक xyz कंपनी के शेयर में short selling करना चाहते हैं और आज xyz कंपनी के शेयर की कीमत ₹500 है लेकिन आपको लगता है कि अगले दो से तीन घंटे में xyz कंपनी के शेयर की कीमत कम होने वाली है तो आप यहां पर शॉर्ट सेलिंग करके मुनाफा कमा सकते हैं ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जिस ब्रोकर के पास में आपका डिमैट अकाउंट होता है
वह ब्रोकर आपको इंट्राडे के दौरान किसी भी कंपनी के शेयर को short sell करने की अनुमति देता है लेकिन आपको शॉर्ट सेल किए हुए शेयर्स को उसी दिन अपने ब्रोकर को वापस भी लौटाने पड़ते हैं आप लंबे समय के लिए किसी भी कंपनी के शेयर को शॉर्ट सेल नहीं कर सकते हैं लंबे समय के लिए शॉर्ट सेलिंग करने के लिए आपको डेरिवेटिव ट्रेडिंग करने की आवश्यकता पड़ती है यदि आपको डेरिवेटिव ट्रेडिंग के बारे में विस्तार से जानना है तो आप हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख पढ़ सकते हैं
- डेरिवेटिव ट्रेडिंग क्या है इसे कैसे करते हैं
अब मान लेते हैं कि आपने xyz लिमिटेड कंपनी के 100 shares को ₹500 पर शॉर्ट सेल किया था और अब अगले दो से तीन घंटे के भीतर xyz लिमिटेड कंपनी के शेयर की कीमत नीचे गिरकर 490 रुपए पर आ जाती है
तो अब आपको यहां पर xyz लिमिटेड कंपनी के शेयर को 490 पर खरीद कर वापस अपने ब्रोकर को लौटाना पडता है और जो बीच के ₹10 है वह आपको मुनाफा मिलता है अब यदि आपने 100 शेयर xyz लिमिटेड कंपनी के शॉर्ट सेल किए थे तो आपको ₹10 के हिसाब से ₹1000 का मुनाफा मिलता है तो इस प्रकार आप किसी भी कंपनी के शेयर में शॉर्ट सेलिंग कर सकते हैं
शॉर्ट सेलिंग के फायदे क्या है
शेयर बाजार के कई सारे दिग्गज निवेशकों का मानना है कि जब वह Trading करते थे तब उन्होंने अपने जीवन में सबसे ज्यादा पैसा short selling के माध्यम से ही कमाया था क्योंकि शेयर मार्केट जब ऊपर जाता है तो बहुत ही धीरे-धीरे जाता है लेकिन जब शेयर मार्केट गिरता है तो निवेशकों के मन मे डर के कारण बहुत ही तेजी से गिरता है इसलिए गिरते हुए मार्केट में मुनाफा बहुत ही तेजी से बनता है
यदि इस गिरावट में कोई व्यक्ति शॉर्ट सेलिंग करने में कामयाब हो जाता है तो वह बहुत ही अच्छा मुनाफा कमाता है तो आपको हमेशा मार्केट में ऐसे दिनों का इंतजार करना चाहिए, और जब मार्केट में बड़ी गिरावट आती है तो इस समय आप अपने पैसों पर रिस्क लेकर शॉर्ट सेलिंग करते हैं तो आप बहुत ही अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं
शॉर्ट सेलिंग कब करते हैं
शेयर मार्केट में शॉर्ट सेलिंग तब की जाती है, जब मार्केट गिरता है क्योंकि यदि आप बडते हुए मार्केट में short selling करते हैं तो वहां पर आपको बहुत बड़ा लॉस हो सकता है लेकिन जब share market गिरता है और उसे समय आप शॉर्ट सेलिंग करने में कामयाब हो जाते हैं
तो आपको बहुत ही अच्छा मुनाफा कमाने के लिए मिलता है आपको हमेशा Short selling मार्केट के सेंटीमेंट को देखकर ही करनी चाहिए और यदि एक बार Short Selling में अच्छा मुनाफा हो जाता है तो उसे मुनाफे को Book करके वहां से निकल जाना चाहिए
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शॉर्ट सेलिंग के नियम
जब कोई व्यक्ति शॉर्ट सेलिंग करता है तो उसे लगता है कि वह मार्केट में आएगा और किसी भी कंपनी के शेयर को Short sell करके गिरावट होने पर पैसा कमाएगा लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता है short selling के कई सारे मुख्य नियम है जिनके बारे में आपको जानने की आवश्यकता है
- किसी भी शेयर की शॉर्ट सेलिंग करते समय आपको उसमें उतना ही पैसा लगाना चाहिए जितना आप पूरी तरीके से खोने के लिए तैयार है
- जब आप किसी कंपनी के शेयर को खरीदते हैं तो उसमें आपकाे घाटा कम से कम होता है और मुनाफा ज्यादा से ज्यादा होता है लेकिन शॉर्ट सेलिंग में आपका मुनाफा कम से कम होता है और घाटा ज्यादा से ज्यादा हो सकता है
- जब आप शॉर्ट सेलिंग के माध्यम से अच्छा मुनाफा कमाते हैं तो आपको उसे मुनाफे के साथ में बने रहना है कभी भी लालच में आकर आपको और ज्यादा मुनाफे के चक्कर में नहीं लगना चाहिए
- चलिए हम आपको शॉर्ट सेलिंग में काम से कम फायदा और ज्यादा से ज्यादा नुकसान कैसे होता है उसे एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं
शॉर्ट सेलिंग उदाहरण क्या है –
मान लेते हैं कि आपने एक xyz लिमिटेड कंपनी के शेयर को ₹100 खरीदा है ओर यह शेयर ₹100 से गिरकर ₹0 पर आ जाता है तो आपको कम से कम ₹100 का घाटा हो सकता है लेकिन वहीं पर यह शेयर ₹100 से ऊपर बढ़ना शुरू होता है तो यह ₹200, ₹300, ₹500 या हजार रुपए जितना चाहे उतना ऊपर जा सकता है
लेकिन वहीं पर यदि आप इस कंपनी के शेयर को ₹100 पर short sell करते हैं और यह शेयर गिरकर नीचे आने की बजाई ऊपर चला जाता है तो वहां पर आपको कितना भी घाटा हो सकता है क्योंकि शॉर्ट सेलिंग में शेयर नीचे आता है तब फायदा होता है और शेयर ऊपर जाता है तब आपको नुकसान होता है
जिसके कारण xyz लिमिटेड कंपनी का शेयर ₹100, ₹300, ₹500 या ₹1000 तक कहीं पर भी जा सकता है तो आपको इस परिस्थिति में बहुत ही बड़ा नुकसान हो सकता है इसलिए शॉर्ट सेलिंग करना हमेशा फायदेमंद नहीं होता है
Q. शॉर्ट सेलिंग में कितना नुकसान होता है
Ans. जब आप किसी कंपनी के शेयर में शॉर्ट सेलिंग करते हैं तो आपको अनलिमिटेड नुकसान हो सकता है क्योंकि शॉर्ट सेलिंग में मुनाफा कमाने की सीमा होती है लेकिन नुकसान होने की कोई भी सीमा नहीं होती है
Q. बैंक निफ्टी में शॉर्ट सेलिंग कैसे करते हैं
Ans. यदि आपको Bank Nifty में शॉर्ट सेलिंग करनी है तो इसके लिए आपके पास में डेरिवेटिव अकाउंट का चालू होना बहुत ही आवश्यक है, यदि आपको लगता है कि बैंक निफ़्टी आने वाले समय में नीचे गिरने वाला है तो आपको बैंक निफ्टी के पुट ऑप्शन को खरीदना पड़ता है, अब यदि मार्केट आपके अनुसार नीचे गिर जाता है तो आपके put की कीमत भी बढ़ जाती है और वहां पर आप उसे बेचकर पैसा कमा सकते हैं
Q. शॉर्ट सेलिंग में कितना मार्जिन चाहिए
Ans. जब आप किसी कंपनी के शेयर को शॉर्ट सेल करते हैं तो आप ₹1000 से कम पैसों में भी शॉर्ट सेलिंग कर सकते हैं लेकिन वहीं पर यदि आपको किसी कंपनी के शेयर की लंबे समय के लिए short selling करनी है तब आपको उसे कंपनी के शेयर के फ्यूचर को बेचना पड़ता है जिसके लिए आपको कम से कम 150000 रुपए से ₹200000 तक देने पड़ते हैं
Short Selling Meaning in hindi Conclusion
आज हमने आपको शॉर्ट सेलिंग क्या होती है लेख में short selling से संबंधित संपूर्ण जानकारी को सरल भाषा में समझाने का प्रयास किया है आप इस लेख को पढ़कर शॉर्ट सेलिंग के बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं
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लेकिन फिर भी आपके दिमाग में short selling से संबंधित किसी भी प्रकार का सवाल है तो वह आप हमें कमेंट ♥ करके पूछ सकते हैं, इसके अलावा आप शेयर बाजार से संबंधित और किस विषय के बारे में जानने के इच्छुक है वह भी हमें कमेंट करके जरूर बताएं