ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है : शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के अलग-अलग प्रकार होते हैं उन्ही में से एक है ऑप्शन ट्रेडिंग (Option Trading) जिसे हिंदी में विकल्प ट्रेडिंग भी कहते हैं,
आजकल हर कोई ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में ही बात करता है, लेकिन ऑप्शन ट्रेडिंग में कमाने से पहले आपको सीखना पड़ेगा,
जब आपके पास एक्सपीरियंस हो जाता है तो ऑप्शन ट्रेडिंग पैसा बनाने की अपार संभावनाएं प्रदान करता है, इसलिए आज के इस लेख में हम ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में जानेंगे कि ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है और कैसे काम करती हैं, और नए लोगों को क्या करना चाहिए।
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ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है? | Option Trading Kya Hai
ऑप्शन ट्रेडिंग (Option Trading) को विकल्प ट्रेडिंग के नाम से भी पुकारा जाता है यह एक प्रकार का कॉन्ट्रैक्ट होता है जिसके तहत एक निवेशक को किसी निश्चित समयावधि पर निर्धारित मूल्य पर किसी वित्तीय उपकरण या संपत्ति को खरीदने या बेचने का अधिकार दिया जाता है।
Option Trading एक contract है जो खरीदार (buyer) और विक्रेता (Seller) के बीच होता है इसमें इन्वेस्टर्स (Investors) कुछ प्रीमियम का भुगतान करके निश्चित तारीख पर किसी स्ट्राइक प्राइस (strike price) पर प्रतिभूतियों (Securities) खरीद और बेच सकते हैं, ऑप्शन ट्रेडिंग में निवेशको द्वारा कॉल और पुट option खरीदें वे बेचे जाते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे काम करती हैं ?
ट्रेडिंग में यदि किसी इन्वेस्टर्स को लगता है भविष्य (Future) में किसी शेयर या सूचकांक (Index) कीमत बढ़ाने वाली है तो वह ऑप्शन ट्रेडिंग के जरिए उसे index या share को बिना उसकी पूरी कीमत का एक प्रीमियम देकर भविष्य के लिए खरीद या बेच सकता है।
इसीलिए Investors द्वारा विभिन्न वित्तीय उद्देश्यों की पूर्ति के लिए ऑप्शन ट्रेडिंग का ही उपयोग किया जाता है, इसके साथ ही ऑप्शन ट्रेडिंग में छोटी सी फ्लकचुएशन से अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है और उसी प्रकार नुकसान भी हो सकता है,
हालांकि भविष्य में Share की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है तो trade लेने वाले को केवल उतना ही पैसों का नुकसान होता है जितना उसने premium दिया है। लेकिन शुरुआती लोगों के लिए ऑप्शन ट्रेडिंग ठीक नहीं है क्योंकि यहां पर कीमतों में बदलाव बहुत जल्दी आता है हालांकि निवेशक किसी भी कॉल और खुद को Expiry date तक होल्ड कर सकते हैं
इसमें निवेशक को एक निश्चित अवधि के बाद पहले से हीं तय- पूर्व निर्धारित दर पर सिक्योरिटीज, ETF या इंडेक्स फंड (index fund) जैसे कई उपकरणों में ट्रेडिंग की अनुमति देता है आप ऑप्शन ट्रेडिंग में कोई भी शेयर खरीद और बेच सकता है। लेकिन यहां बाकी trading के मुकाबले प्रॉफिट और नुकसान भी ज्यादा होता है
ऑप्शन ट्रेडिंग में कितने प्रकार से ट्रेड होता है
Option trading में दो प्रकार से ट्रेड होता है, कॉल ऑप्शन (CE) और पुट ऑप्शन (PE) मतलब ऑप्शन ट्रेडिंग में किसी भी प्रतिभूति जैसे की बैंक निफ़्टी (Bank Nifty), निफ़्टी (Nifty), स्टॉक्स को खरीदने और बेचने के लिए ऑप्शन ट्रेडिंग में दो विकल्प होते हैं
कॉल और पुट क्या है चलिए इनका विस्तार से समझते हैं –
कॉल ऑप्शन क्या है? (Call Option)
Call Option को कॉल यूरोपियन (Call European CE) से दर्शाया जाता है, यह एक तय कीमत पर खास संपत्ति को खरीदने का अधिकार देती हैं किसी भी इंडेक्स और स्टॉक की कीमत का भविष्य में या कुछ समय बाद ऊपर जाने का अनुमान होता है तो कॉल ऑप्शन खरीदा जाता है
जैसे-जैसे मार्केट में इंडेक्स और स्टॉक की कीमतों में बढ़त होती है वैसे ही कॉल ऑप्शन की कीमत भी बढ़ती है और trader’s को मुनाफा होता है।
पुट ऑप्शन क्या है? (Put Option)
Put Option को पुट यूरोपियन (Put European PE) से दर्शाया जाता है। पुट ऑप्शन एक तय कीमत पर एक खास संपत्ति को बेचने का अधिकार देती हैं, निवेशक मार्केट के index या stock की कीमतों में गिरावट का अंदेशा होने पर पुट ऑप्शन खरीदते हैं,
यदि पुट ऑप्शन की कीमत में वाकई गिर जाती है तो बहुत पैसा कमाया जा सकता है वहीं अगर उल्टा हो जाता है और कीमत बढ़ने लगती हैं तो नुकसान भी हो सकता है।
ऑप्शन ट्रेडिंग के मुख्य शब्द
Option trading से जुड़े इन शब्दों को जानना भी जरूरी है इनके बिना ऑप्शन ट्रेडिंग समझ पाना लगभग मुश्किल है चलिए इन शब्दों को एक-एक करके जानते हैं –
स्ट्राइक प्राइस क्या होती है?
संचालन मूल्य (Strike Price) एक ऑप्शन में निर्दिष्ट की गई कीमत है, जिस पर निवेशक को वित्तीय उपकरण खरीदने या बेचने का अधिकार होता है।
यह कीमत निश्चित समय के बाद होने वाली कीमत को दर्शाती है। कहने का मतलब यह वे कीमत है जिस पर खरीद और बिक्री होती है
प्रीमियम (Premium)
प्रीमियम (Premium) वह राशि है जो ऑप्शन को खरीदने या बेचने का अधिकार प्राप्त करने के लिए चुकानी पड़ती है। इस प्रीमियम का price स्ट्राइक प्राइस, ऑप्शन की अवधि, और वित्तीय बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है।
ऑप्शन ग्रीक्स (Option Greeks)
यह विपिन पैरामीटर्स हैं जो option के मूल्य को प्रभावित करते हैं। यानी वह नंबर है जो ऑप्शन की price और option के movement के बारे में कुछ समझने में मदद करते हैं
यह वेगा, थीटा, रो, गामा और डेल्टा होते हैं और यह ऑप्शन ट्रेडिंग में महत्वपूर्ण है।
समाप्ति तिथि (Expiry Date)
यह वह तारीख है जब एक ऑप्शन की मान्यता खत्म होती है और ऑप्शन पर ट्रेडिंग समाप्त हो जाती है
Expiry का मतलब आपने जिस कॉन्ट्रैक्ट पर ऑप्शन खरीदा था वह समाप्त हो जाता है
मार्जिन (Margin)
मार्जिन किसी ऑर्डर को खुला रखने के लिए सुरक्षित रखी जाने वाली धन राशि है; इसकी गणना ट्रेडिंग खाते की मुद्रा में की जाती है। कितने मार्जिन की आवश्यकता है, इसकी गणना आपके ट्रेडिंग खाते के लिए निर्धारित किए गए ट्रेडिंग इंस्ट्रूमेंट और लिवरेज पर आधार पर की जाती है। कहने का मतलब यह एक ट्रेंड के लिए सुरक्षा राशि है।
स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange)
Stock Exchange शेयर मार्केट का मुख्य घटक है कहने का मतलब यह एक माध्यम होता है जिसके द्वारा options खरीदे और बेचे जा सकते हैं, एक्सचेंज बाजार में ऑप्शन ट्रेड किए जाते हैं और इन एक्सचेंज पर ऑप्शन की कीमतें तय होती हैं।
व्यापारी (Trader)
Trader या investor वह होता है जो option में trading करने का या फिर यूं कैसे शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने का निर्णय लेता है
FAQ ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है?
ऑप्शन ट्रेडिंग से जुड़े निम्नलिखित प्रश्न उत्तर है यहां पर आप अपने उत्तर खोज सकते हैं।
Q. ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे काम करता है?
Option trading में निवेशक एक विशिष्ट समयावधि तक किसी स्टॉक, सूची, या अन्य वित्तीय उपकरण को खरीदने या बेचने का अधिकार प्राप्त करता है, उसके बाद कॉल ऑप्शन या पुट ऑप्शन का चयन करना पड़ता है
बाद में स्ट्राइक प्राइस साथ ही एक्सपायरी डेट का चयन करना पड़ता है उसके बाद प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है फिर ऑप्शन पर निगरानी रखनी पड़ती है और कुछ इस प्रकार काम करता है।
Q. ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम
ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम (Option Trading Rules In Hindi)
- कभी भी लॉन लेके ट्रेडिंग ना करे
- पहले खुद सीखे अनुभव करें बाद में आगे बढ़े
- आपका पूरा पैसा ट्रेडिंग में कभी ना लगाए
- बिना कोई स्ट्रेटर्जी सीखे ट्रेडिंग मत करे
- किसी से कोई कॉल टिप नहीं ले अपने अनुभव से ट्रेडिंग करें
- ट्रेडिंग करते वक्त ट्रेलिंग स्टॉप लॉस का प्रयोग अवश्य करे
- शुरुआती ट्रेडर Quantity की साइज ज्यादा ना रखे
- मार्केट में किसी न्यूज़ आने पर ट्रेडिंग से बचे
Q. ऑप्शन कब खरीदना चाहिए?
आमतौर पर आपको ऑप्शन तब खरीदना चाहिए जब वोलैटिलिटी ऊपर जाने की उम्मीद हो। ऑप्शन तब बेचना चाहिए जब वोलैटिलिटी नीचे आने की उम्मीद हो। वोलैटिलिटी के अलावा एक्सपायरी में कितना समय बचा है और टारगेट कितने दिनों में पूरा होने की उम्मीद है, इन चीजों का भी ख्याल रखना चाहिए क्योंकि ये भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।
Option Trading meaning in Hindi Conclusion
ऑप्शन ट्रेडिंग में, आपकी खुद की समझ और ज्ञान की आवश्यकता होती है। आपको यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता होती है कि आप अपने investment की गहराई से समझ रखते हैं, विभिन्न चुनौतियों का सामना कर सकते हैं और बाजार के लिए संवेदनशील हो सकते हैं।
अगर आप बिगनर या नौसिखिया हैं, तो यह समझदारी की बात होगी कि आप इसमें सीखने और काम करने के लिए अधिक समय निकालें।
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