What is Investment in Hindi – निवेश एक वस्तु, संपत्ति, प्रोडक्ट या अन्य प्रॉपर्टी है जिसे भविष्य में आय उत्पन्न करने के लिए खरीदा जाता है। एक निवेश किसी भी प्रकार की खरीद का हो सकता है जैसे कि शेयर मार्केट में खरीदा हुआ स्टॉक, प्रॉपर्टी, बिजनेस में इन्वेस्टमेंट आदि, निवेशित प्रॉपर्टी का सामान्यतः उपभोग नहीं किया जाता है बल्कि भविष्य की प्रॉपर्टी बनाने के लिए रखा जाता है।
निवेश के क्षेत्र
Investment को मुख्यतः तीन क्षेत्रों में बांटा गया है
- पहला है स्वामित्व निवेश (Ownership Investments) :- इसमें रियल स्टेट, स्टॉक, या फिर किसी कंपनी या व्यवसाय में निवेश आदि।
- उधार वाला निवेश (Lending Investments) :- इसमें कॉरपोरेट बॉन्ड, सरकारी बॉन्ड, सेविंग अकाउंट आदि होते हैं।
- नकद समकक्ष निवेश (Cash Equivalents) :- इसके अंदर मुद्रा बाजार के साधन आदि शामिल होते हैं।
निवेश के प्रकार क्या हैं? | What are the types of investments in Hindi
इन्वेस्टमेंट को कई श्रेणियों में बांटा जा सकता है और निवेश कई प्रकार के होते हैं जैसे- स्टॉक्स और इक्विटी, डेट म्यूचुअल फंड, फिक्स्ड डिपॉजिट, बॉन्ड्स, प्रोविडेंट फंड, डिपॉजिट के सर्टिफिकेट ( CDs ) रियल एस्टेट, रिटायरमेंट प्लान, क्रिप्टोकरेंसी, कमोडिटी आदि अब हम आपको निवेश के कुछ विकल्प बताने वाले हैं जहां पर निवेशक को काफी बड़ी मात्रा में लाभ हो सकता है लेकिन ध्यान रहे आप अपने फाइनेंसियल सलाहकार से जरूर सलाह ले ले।
इन्वेस्टमेंट के कुछ प्रचलित प्रकार इस प्रकार हैं –
स्टॉक्स (Stocks)
स्टॉक, को सबसे प्रमुख इन्वेस्टमेंट का जरिया माना जाता है यहां पर आप कंपनी के 1% के मालिक होने के लिए पब्लिकली व्यापार करने वाले कंपनी स्टॉक में निवेश करते हैं इसलिए शेयरहोल्डर सीधे कंपनी के वित्तीय परिणाम का हिस्सा बनने के लिए स्टॉक खरीदते हैं
लेकिन शेयर मार्केट में शेयरों का परफॉर्मेंस सीधे तौर पर इसके फाइनेंसियल परफॉर्मेंस से प्रभावित होता है इसलिए इन्वेस्टर अपनी पूंजी को उस कंपनी में लगाते हैं जो कंपनी फ्यूचर में ग्रो करती हुई नजर आती है यानी कि जिस शेयर में बढ़ोतरी होती है।
और कई लोग स्टॉक मार्केट में लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्ट करके करोड़पति बने हैं। लेकिन इसमें इन्वेस्ट करना रिस्की माना जाता है लेकिन अगर आप को शेयर मार्केट का ध्यान है तो आप आसानी से इसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं।
बांड (Bonds)
अगर आप सुरक्षित इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि
सरल शब्दों में , बांड उन ऋणों के समान होते हैं जिनके लिए निवेशक एक ऋणदाता होता है । बांड बेचने वाली कंपनी या संस्था को जारीकर्ता के रूप में जाना जाता है । बांड को IOU के रूप में माना जा सकता है जो जारीकर्ता द्वारा ऋणदाता को दिया जाता है , जो इस मामले में निवेशक है ।
कोई भी बिना कुछ लिए पैसा उधार नहीं देगा और इसलिए बांड जारीकर्ता ब्याज के रूप में धन का उपयोग करने के लिए अतिरिक्त भुगतान करता है । बांड पर ब्याज का भुगतान एक निश्चित दर और पूर्व निर्धारित समय पर किया जाता है । जब बांड की बात आती है तो ब्याज दर को अक्सर ‘ कूपन ‘ कहा जाता है । जो राशि उधार ली जा रही है उसे अंकित मूल्य कहा जाता है , और जिस दिन राशि चुकानी होती है उसे परिपक्वता तिथि के रूप में जाना जाता है । बांड निश्चित आय प्रतिभूतियां हैं क्योंकि निवेशक जानता है कि परिपक्वता तक उसे रखने पर उसे कितनी नकदी वापस मिलेगी । शेयरों की तुलना में बांड कम जोखिम वाले होते हैं , लेकिन वे रिटर्न भी कम देते हैं।
म्युचुअल फंड (Mutual Fund)
म्यूचुअल फंड एक एैसा फंड है जो एैसेट मैनेजमेंट कंपनियों / कंपनीज (एएमसी) द्वारा मैनेज किया जाता है जिसमे ये कंपनियां कई इन्वेस्टर्स से पैसा जमा करती है और स्टॉक, बॉन्ड और शार्ट-टर्म डेट जैसी सिक्युरिटीज में पैसा इन्वेस्ट करती है। म्यूचुअल फंड की कंबाइंड होल्डिंग्स को पोर्टफोलियो के रूप में जाना जाता है।
प्रेरित निवेश (Induced Investment)
प्रेरित निवेश वह निवेश है जो आय तथा लाभ की मात्रा पर निर्भर करता है। यह निवेश आय तथा लाभ में होने वाले परिवर्तनों से प्रेरणा प्राप्त करता है। आय तथा लाभ के बढ़ने की सम्भावना से यह बढ़ता है तथा इसमें होने वाली कमी से यह कम होता जाता है। प्रेरित निवेश लाभ या आय सापेक्ष होता है।
इस प्रकार के निवेश में वित्तीय साधनों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल होती है। मुख्य रूप से, निवेश जो राष्ट्रीय आय या ब्याज दर में परिवर्तन से सीधे प्रभावित होते हैं, प्रेरित निवेश के अंतर्गत आते हैं।
कच्चे माल की लागत, लेन-देन दरों में बदलाव और ग्राहकों की प्राथमिकताओं जैसे कारकों का इस तरह के निवेश पर प्रभाव पड़ता है। नतीजतन, एक उच्च लाभ मार्जिन वाला एक संगठन संभावित निवेशकों से अधिक मात्रा में निवेश को आकर्षित करने की अधिक संभावना रखता है।
निवेश के पहले विचार करने वाले कारक। Factors to consider before investing
देखिए निवेश करने से पहले कुछ कारक हैं जिनके ऊपर आपको विचार करना चाहिए
- निवेश शॉर्ट टर्म फाइनेंसियल गोल्स के साथ-साथ लॉन्ग टर्म फाइनेंसियल लक्ष्यों को पूरा करने के लिए किया जाता है।
- इन्वेस्टमेंट भविष्य की पूंजी बनाने के लिए किया जाता है।
- इन्वेस्टमेंट हमेशा निवेश पर मिलने वाले रिटर्न को ध्यान में रखकर किया जाता है।
- निवेश के अंदर स्टॉक्स और इक्विटी, डेट म्यूचुअल फंड, फिक्स्ड डिपॉजिट, बॉन्ड्स, प्रोविडेंट फंड, डिपॉजिट के सर्टिफिकेट ( CDs ) रियल एस्टेट, रिटायरमेंट प्लान, क्रिप्टोकरेंसी, कमोडिटी आदि खरीदना शामिल है
- प्रोफेशनल इन्वेस्टमेंट, प्लांट और मशीनरी, लेबर रिसर्च और विकास गतिविधियों, अचल संपत्ति, आदि में किया जाता है। इसी तरह, एक बिल्डिंग का निर्माण, अर्थात्, एक फैक्ट्री या एक संयंत्र या एक भवन, भी एक इन्वेस्टमेंट होगा।
- पैसे खर्च करने और उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए एक व्यक्ति की पसंद भी उनके भविष्य के लिए ज्ञान और कौशल में निवेश है।
What is Investment in Hindi Conclusion
आज के इस लेख What is Investment in Hindi? निवेश क्या है के माध्यम से आपको यह समझने में आसानी होगी कि निवेश क्या है और यह इन्वेस्टरो के लिए अधिक धन प्राप्त करने की आशा कैसे लेकर आता है। डियर पाठक इन इन्वेस्टमेंट विकल्पों को देश के आम लोगों के बीच सबसे अच्छा निवेश ऑप्शन माना जाता है।
लेकिन आपको बता दें कि किसी भी जगह इन्वेस्ट करने से पहले अपने फाइनेंसियल सलाहकार से सलाह लेना हमेशा उचित रहता है क्योंकि आपको बता दें कि उचित मार्गदर्शन से एक इन्वेस्टर निवेश सही जगह पर कर सकता है। और अगर आप एक सफल ट्रेडर बनना चाहते हैं तो आपको सारी चीजें खुद सीखनी होगी इसी के साथ आज के इस लेख What is Investment in Hindi को यहीं समाप्त करते हैं अगर फिर भी आपका कोई सवाल रहता है तो आप कमेंट बॉक्स में बेझिझक पूछ सकते हैं।
What is Investment in Hindi आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद