फ्यूचर & ऑप्शन क्या है, What is Future & Option in Hindi

नमस्कार डियर पाठक आज हम जानेंगे कि फ्यूचर & ऑप्शन क्या है? What is Future & Option in Hindi, क्योंकि शेयर मार्केट में पैसा कमाने के कई ऑप्शन है, जो इसे बहुत ज्यादा इंटरेस्टिंग बनाते हैं। साथ ही निवेशकों के लिए सीख कर वे समझ कर अपनी पसंद के स्टॉक्स में इन्वेस्ट प्रॉफिट कमाने का अवसर प्रदान करता है।

इन्हीं विकल्पों में से दो प्रमुख विकल्प हैं:- ‌ आपने स्टॉक मार्केट में, फ्यूचर और ऑप्शन के बारे में सुना होगा। या फिर आपने न्यूज़ चैनल और समाचार पत्रों में सुना या पढ़ा होगा

डियर पाठक फ्यूचर & ऑप्शन को समझने से पहले आपको शेयर मार्केट, और कमोडिटी मार्केट को समझना होगा इसके लिए आप पिछले अध्याय कमोडिटी मार्केट क्या है, और शेयर मार्केट क्या है को पहले पढ़ लीजिए बाद में फ्यूचर और ऑप्शन समझना आसान रहेगा।

ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है और कैसे करें

Fii or Dii को समझ लो

फ्यूचर्स और ऑप्शन ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

फ्यूचर्स :- यह अनिवार्य कॉन्ट्रैक्ट हैं जो इन्वेस्टर को पूर्व निर्धारित मूल्य पर भविष्य की तारीख में एक अंतर्निहित स्टॉक या फिर इंडेक्स खरीदने या बेचने के लिए‌ फोर्स करता है यानी बाध्य करते हैं।

ऑप्शन :- यह कॉन्ट्रैक्ट पूर्व निर्धारित तिथि पर सहमत मूल्य पर अंतर्निहित इक्विटी या इंडेक्स को खरीदने और बेचने के लिए कोई बाध्यता नहीं होती है।

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ऑपशन्स और फ्यूचर्स में ट्रेड कैसे किया जाए?

डियर पाठक फ्यूचर और ऑप्शन में ट्रेड 1 महीने 2 महीने और 3 महीनों के लिए कॉन्ट्रैक्ट के माध्यम से किया जाता है। सभी F&O कॉन्ट्रैक्ट का टाइम पीरियड महीने के अंतिम गुरुवार को खत्म हो जाता है। फ्यूचर भविष्य की कीमत पर ट्रेड किए जाएंगे जो कि आमतौर पर टाइम वैल्यू के कारण स्पोर्ट कीमत से अधिक कीमती होता है। और एक कॉन्ट्रैक्ट के लिए स्टॉप कि केवल फ्यूचर कीमत होगी।

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फ्यूचर ऑप्शन में ट्रेडिंग कैसे करें

  1. पंजीकृत ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग का अकाउंट खोलें
  2. अपनी एनालिसिस के अनुसार ट्रेड्स या स्टॉक्स चुने (कमोडिटी, सोने और इंडेक्स में भी कारोबार किया जा सकता है)
  3. ट्रेडिंग अकाउंट में लॉगिन करके इन विकल्पों को जानिए।
  4. आवश्यक मार्जिन के अनुसार खरीदी/ बिक्री कॉन्ट्रैक्ट या कॉल और पुट ऑप्शन खरीदें।
  5. एक्सपायरी डेट तक कॉन्ट्रैक्ट पर बारीकी से नजर बनाए रखें।
  6. मार्केट में प्राइस के अनुसार अपने ऑर्डर को होल्ड करें।
  7. कीमतों में बदलाव के हिसाब से प्रॉफिट कमाने या लोस से बचने के हिसाब से एक्शन ले।

जैसे उदाहरण के लिए जनवरी 2022 को कोई व्यक्ति रिलायंस के जनवरी फ्यूचर्स, फरवरी फ्यूचर्स और हम मार्च फ्यूचर और मार्च फ्यूचर्स में ट्रेड कर सकता है। डियर पाठक ऑप्शनस में ट्रेड करना थोड़ा कठिन होता है क्योंकि यहां पर प्रीमियम ट्रेड होते हैं। इसलिए यहां पर, एक ही स्टॉक के कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन के लिए अलग-अलग स्ट्राइक्स होंगे। रिलायंस, के मामले में 200 कॉल का कॉल ऑप्शन ₹10 होगा और जैसे-जैसे स्ट्राइक बढ़ेगा, इन ऑप्शंस की कीमत धीरे-धीरे कम हो जाएगी।

मुख्य बिंदु

  1. स्ट्राइक प्राइस :- स्ट्राइक प्राइस उसे कहते हैं जिस कीमत पर खरीददार और विक्रेता एक निश्चित टाइम पीरियड के बाद अंतर्निहित, ऐसेट को खरीदने या बेचने का डिसीजन लेते हैं।
  2. स्पॉट प्राइस :- स्पोर्ट प्राइस शेयर मार्केट में अंडरलाइनिंग ऐसेट की मौजूदा प्राइस हैं।
  3. एक्सपायरी या ऑप्शन समाप्ति :- ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट महीने के लास्ट गुरुवार को समाप्त होते हैं, उसे एक्सपायरी कहते हैं
  4. ऑप्शन प्रीमियम :- डियर पाठक ऑप्शन प्रीमियम ऑप्शन खरीदार द्वारा ऑप्शन सेलर को एडवांस भुगतान की गई राशि non-refundable राशि होती हैं।
  5. सेटलमेंट :- यह कॉन्ट्रैक्ट एक्सचेंजों पर कैश में तय किए जाते हैं।

फ्यूचर्स और ऑप्शंस रिस्क को समझें

डियर पाठक जैसे कि हम हर बार बताते हैं कि आप स्टॉक मार्केट में अगर पैसा कमाना चाहते हैं तो मार्केट को गहनता से समझना बहुत जरूरी है इसलिए अगर आप फ्यूचर्स और ऑप्शंस में ट्रेड करना चाहते हैं तो, तो आपको सिक्योरिटीज मार्केट और उससे जुड़ी अस्थिरता की पूरी समझ होनी चाहिए। फ्यूचर ऑप्शन में ट्रेडिंग करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण रिस्क हैं जिन्हें जान ले।

  1. डेरिवेटिव्स दोनों तरह से कार्य करता है, यदि आपका ट्रेड प्लानिंग के अनुसार परफॉर्म किया तो यह अच्छा प्रॉफिट दे सकता है।
  2. अगर आपने टाइम पर सेटल या एग्जिट नहीं किया और कीमतें विपरीत दिशा में चली गई, तो यह आपकी पूरी पूंजी को समाप्त कर सकता है।
  3. ‌ हमेशा स्टॉप लॉस और प्रॉफिट टारगेट के हिसाब से ट्रेड को सुनिश्चित करना चाहिए।
  4. सभी पोजीशन ट्रेडिंग के पहले निर्धारित लिमिट के साथ करना चाहिए।
  5. और डियर पाठक फ्यूचर्स और ऑप्शंस में ट्रेडिंग करने के दौरान, आप एक ट्रेडर की तरह कार्य करें, ने की एक इन्वेस्टर की तरह
  6. फ्यूचर्स और ऑप्शन से जुड़ी लागत की बिल्कुल बारीकी से निगरानी करनी चाहिए।
  7. बार-बार ओवर ट्रेंड नहीं करें ।

फ्यूचर और ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट को ध्यान में रखने के लिए प्रमुख कारक क्या हैं?

डियर पाठक फ्यूचर्स या ऑप्शंस कांटेक्ट में आपको इन तीन मापदंडों की सावधानी पूर्वक निगरानी करनी चाहिए।

  1. अंडरलाइनिंग ऐसेट जिनका ट्रेड किया जाना है।
  2. ऐसेट की ट्रेडिंग वॉल्यूम और उसकी कीमत
  3. कांटेक्ट कार्यान्वयन की तिथि

ऑप्शन्स और फ्यूचर्स के अंतर को समझना।

जहां तक फ्यूचर्स की बात हैं, इसका प्रिंसिपल बहुत इजी हैं। अगर आप स्टॉक की कीमत बढ़ने की अपेक्षा करते हैं तो आप स्टॉक पर फ्यूचर्स खरीदते हैं, और अगर आप एनालिसिस कहता कि स्टॉक के दाम घटेंगे, तो आप स्टॉक या इंडेक्स के फ्यूचर को बेचेंगें।

ऑप्शन के चार पॉसिबिलिटीज हैं चलिए इन को उदाहरण द्वारा समझते हैं-

किसी XYZ कंपनी के शेयर की वर्तमान कीमत ₹1000 हैं।‌ तो अब देखते हैं कि अलग-अलग ट्रेडर्स अपने दृष्टिकोण के आधार पर विभिन्न प्रकार के ऑप्शन को कैसे प्रयोग करेंगे।

  1. इन्वेस्टर A, एक्सेप्ट करता है कि XYZ कंपनी के शेयर की कीमत अगले 2 महीनों में जरा सो ₹1150 तक जाएगी। तो उसके लिए काम का तरीका होगा 1050 के स्ट्राइक रेट पर XYZ का कॉल ऑप्शन खरीदें। और वह कम प्रीमियम देखकर अप साइड में एंट्री ले सकता है।
  2. इन्वेस्टर B, सोचता है कि XYZ की कीमत अगले 1 महीने में ₹900 तक गिरेगी, उसके लिए 980 के स्ट्राइक पर XYZ कपट ऑप्शन खरीदें, वह आसानी से शहर के डाउनसाइड मोमेंट में एंट्री लेकर प्रॉफिट कमा सकता है। जब उसके द्वारा भरे गए प्रीमियम के दाम की पूर्ति हो जाए।
  3. इन्वेस्टर C, XYZ के दाम कम होने के बारे में निश्चित नहीं है। लेकिन, उसको पक्का विश्वास है कि ग्लोबल मार्केट के प्रेशर के कारण, XYZ का दाम 1080 पार नहीं करेगा। वह XYZ का 1100 कॉल ऑप्शन बेच सकता है और सम्पूर्ण प्रीमियम समेट सकता है।
  4. इन्वेस्टर D, XYZ के दाम के चढ़ने के बारे में निश्चित नहीं है। लेकिन उसको पक्का विश्वास है कि XYZ में हाल में हुए मैनेजमेंट चेंजस के कारण स्टॉक का दाम रु. 920 से कम नहीं होगा। उसके लिए एक बेहतर होगा अगर वो 900 पुट ऑप्शन बेच दे और सारा प्रीमियम ले जाए।

Call & Put Option

कॉल ऑप्शन की खरीद या पुट ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको यह उम्मीद हो कि बाजार ऊपर जाएगा। एक पुट ऑप्शन की खरीद या कॉल ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको उम्मीद हो कि बाजार नीचे जाएगा।

NOTE :-

अगर आप स्टॉक मार्केट में रातों रात करोड़पति बनने आए हैं, तो हम आपको पहले ही बता देना चाहते हैं कि यह मार्केट आपके लिए नहीं है अगर आप नए हैं और आप मार्केट में लंबे समय तक रहना चाहते हैं तो पहले आप मार्केट को अच्छे से समझ दिए सीखिए और नॉलेज लीजिए कीजिए। और तभी आप ऑप्शन ट्रेडिंग के झमेले में पड़ें है जब आप स्टॉक मार्केट को सीख जाए और समझ जाए अन्यथा आप बर्बाद हो जाएंगे। यह मार्केट देता है लेकिन पहले इसको समय देना पड़ता है।

निष्कर्ष, What is Future & Option in Hindi, फ्यूचर & ऑप्शन क्या है।

डियर पाठक, आज के इस लेख What is Future & Option in Hindi, फ्यूचर & ऑप्शन क्या है, के अंदर हमने जाना कि फ्यूचर और ऑप्शन क्या होता है क्योंकि एक ट्रेडर को यह जानना बहुत जरूरी होता है, और खासकर नए ट्रेडर के लिए बेसिक जानकारी बहुत इंपोर्टेंट होती है ऐसे ही लेटेस्ट जानकारी पाने के लिए आप हमारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़ सकते हैं जिनके लिंक आप को सबसे नीचे फूटर में दिख जाएंगे।

आशा करते हैं आज का लेख What is Future & Option in Hindi, फ्यूचर & ऑप्शन क्या है। काफी नॉलेजेबल लगा होगा इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद

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