Bonus Share in Hindi :- नमस्कार डियर पाठक आज की इस लेख में हम जानेंगे कि, बोनस शेयर क्या होता है – बोनस शेयर का मतलब होता है मौजूदा शेयरहोल्डर्स को बिना किसी अतिरिक्त लागत के कुछ शेयर दिए जाते हैं। जोकि निवेशक के मालिकाना हक वाले शेयरों की संख्या पर आधारित होते हैं। सरल शब्दों में कहे तो यह कंपनी की संचित कमाई है, जो डिविडेंड के रूप में नहीं देकर मुफ्त शेयरों में परिवर्तित कर दी जाती है।
यह छोटी-छोटी बेसिक जानकारी है जो लगभग हर निवेशक या ट्रेडर को मालूम होनी चाहिए, आज के इस लेख में हम जानेंगे कि बोनस शेयर क्यों होते हैं? बोनस शेयर क्या होते हैं, बोनस शेयर कैसे मिलते हैं, बोनस शेयरों के लिए कौन पात्र है? और भी बहुत कुछ जानेंगे। इसलिए आप इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
जानिए शेयर मार्केट का गणित हिंदी भाषा में
Bonus Share Meaning in Hindi कंपनी को लाभ होने के बावजूद भी कुछ परिस्थितियां ऐसी होती हैं जब कोई कंपनी लिक्विडिटी फंड या नगदी में डिविडेंड का भुगतान नहीं कर सकती, इसलिए कंपनी नगद में डिविडेंड का भुगतान करने के बजाए मौजूदा शेयरहोल्डर्स को बिना किसी अतिरिक्त लागत के कुछ शेयर दिए जाते हैं। जोकि निवेशक के मालिकाना हक वाले शेयरों की संख्या पर आधारित होते हैं।
एक बोनस इश्यू शेयर हमेशा मार्केट में कंपनी के कुल शेयरों को बढ़ाता है। जैसे कि 1:1 इश्यू के साथ, 500 शेयरों वाली XYZ कंपनी के अब 500 अतिरिक्त शेयर जारी होंगे। तो इसका मतलब यह है कि अब XYZ कंपनी के पास अब कुल 1000 शेयर हो जाएंगे। और इस प्रकार बोनस इश्यू कंपनी की इक्विटी को कम करते हैं।
इक्विटी क्या होती है जानिए आसान भाषा में
कंपनियां बोनस शेयर अक्सर इसलिए जारी करती है, भले ही उनके पास लिक्विडिटी फंड की कमी नहीं हो। यह अत्यधिक लगाए गए डिविडेंड वितरण टैक्स से बचने के लिए कुछ निश्चित कंपनियों द्वारा नियोजित एक का रणनीति है, जिसे डिविडेंड घोषित करते समय भुगतान किया जाना है।
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बोनस इश्यू क्या है?
Bonus issue में शेयरहोल्डर्स को उनके होल्ड किये हुए शेयर के आधार पर अतिरिक्त शेयर मिलता हैं। ये इश्यू एक Ratio के हिसाब से तय किया जाता हैं. उदाहरण के लिए:-
मान लीजिए XYZ कंपनी ने बोनस शेयर इश्यू किया 3:1 के हिसाब से। इन्वेस्टर के पास पहले से 100 शेयर है। लेकिन अब 3:1 Ratio हिसाब से इन्वेस्टर को हर 1 शेयर के पीछे 3 शेयर फ्री में मिलेगी। यानि अब इन्वेस्टर के पास 300 बोनस शेयर और 100 पहले से ही मौजूद हैं, तो अब इन्वेस्टर के पास टोटल 400 शेयर हो जाएंगे क्योंकि उसे 300 शेयर बोनस से प्राप्त हुए।
लेकिन यहां पर यह ध्यान रखना भी जरूरी है की प्रति शेयर डिविडेंड गिर जाता है, क्योंकि बोनस इश्यू होने पर शेयरों की टोटल संख्या बढ़ गई है। यह बस कहने का मतलब इतना है कि यह कंपनी की वैल्यू या कैपिटल को सीधे प्रभावित नहीं करता है। राइट्स यीशु के मामले में यह बिल्कुल डिफरेंट है। यह शेयरहोल्डर के निवेश को कम नहीं करता है।
निवेश की वैल्यू अपरिवर्तित रहती हैं, क्योंकि भले ही प्रति शेयर आय में कमी आई हो, मगर शेयरहोल्डर को बड़ी संख्या में शेयरों का मालिकाना हक प्राप्त होता है। बोनस शेयर इश्यू का उद्देश्य केवल नाममात्र शेयर कैपिटल के साथ लायबिलिटीज पर संपत्ति से अधिकता को बराबर करना है।
बोनस शेयर के लिए सभी शेयरहोल्डर्स योग्य हैं, जिनके पास रिकॉर्ड तारीख से पहले कंपनी के शेयर हैं। जैसा कि आपको पता है इंडिया में शेयरों की डिलीवरी के लिए T+2 रोलिंग सिस्टम चलता है। मतलब की अगर कोई इन्वेस्टर आज शेयर खरीदता है, तो उसके डिमैट अकाउंट में 2 दिन बाद शेयर दिखेंगे। यदि किसी इन्वेस्टर के पास शेयर रिकॉर्ड तारीख से पहले मौजूद हैं, तो वह इसके लिए इलेजिबल है अगर बाद में खरीदें तो उन्हें बोनस शेयर नहीं मिलेगा।
हर बार बोनस शेयरों के लिए एक नई आईएसआईएन (अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभूति पहचान संख्या) आवंटित की जाती है, बोनस शेयरों को पंद्रह दिनों की समय सीमा के भीतर शेयरहोल्डर् के अकाउंट में जमा किया जाता है।
रिकॉर्ड डेट क्या है ?
रिकॉर्ड डेट किसी कंपनी द्वारा निर्धारित 1 कट ऑफ तिथि है। यदि निवेशक इस कट ऑफ तिथि पर कंपनी के शेयरों का मालिक हैं, तो वह बोनस शेयर प्राप्त करने के लिए योग्य हैं। कंपनी द्वारा एक रिकॉर्ड डेट फिक्स की जाती है ताकि इलेजिबल शेयरहोल्डर्स को फाइंड कर सके और उन्हें बोनस शेयर प्रोवाइड करवा सके।
बोनस शेयरों के फायदे?
- बोनस शेयर कंपनी द्वारा निवेशकों को डिविडेंड के बदले मुफ्त में प्रोवाइड किए जाते हैं, इसलिए निवेशकों को कोई एक्स्ट्रा चार्ज देने की जरूरत नहीं है।
- ऐसी कंपनी लोंग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए काफी फायदेमंद साबित होती है।
- Bonus issue से अपना शेयर प्राइस को सस्ती बनाना ताकि हर कोई इसे खरीद सके। जब भी कंपनी बोनस शेयर इश्यू करती है तो मार्केट में उसके लिए सकारात्मक भाव आता हैं। जिससे कंपनी पर इन्वेस्टर का विश्वास बढ़ने लगता हैं।
- बोनस शेयर से अगर कंपनी भविष्य में बढ़ती हैं तो निवेश को ज्यादा फायदा होगा क्योंकि उसके पास ज्यादा शेयर है इसलिए प्रॉफिट भी ज्यादा होगा।
- बोनस शेयर की वजह से कंपनी के शेयरों में वृद्धि होती है, जिस कारण स्टॉक की लिक्विडिटी बढ़ती है।
NOTE – Bonus issue से कंपनी और इन्वेस्टर दोनों को ही फ़ायदा हैं। अगर इन्वेस्टर लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करता है तो उसके पास बोनस शेयर एक बढ़िया अवसर है, जो अच्छा प्रॉफिट प्राप्त करने में हेल्प करता है, मगर ध्यान रहे कोई भी शेयर केवल डिविडेंड या बोनस शेयर के हिसाब से नहीं खरीदें, पहले उसके बारे में पूरी रिसर्च और एनालिसिस करें, किसी भी टिप्स के भरोसे ना रहे, क्योंकि टिप्स से आपको बड़ा जोखिम उठाना पड़ सकता है।
निष्कर्ष: बोनस शेयर क्या होता है?
डियर पाठक आज के इस लेख बोनस शेयर क्या होता है, What is Bonus Share in Hindi में आपको बोनस शेयर के बारे में लगभग सारी जानकारी मिल गई होगी, अगर फिर भी आपका कोई डाउट है तो आप बिना किसी झिझक के हमें कमेंट बॉक्स में अपना सवाल लिखकर भेज सकते हैं। बाकी आर्टिकल आपको अच्छा लगा हो तो इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर जरूर शेयर करें।
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