नमस्कार डियर पाठक आज की इस लेख में हम जानेंगे कि Tangible Assets क्या है (Tangible Assets Meaning in Hindi) आपको बता दें कि किसी भी कंपनी के Tangible assets वह ऐसेट्स है, जो कंपनी के कारोबार को चलाने के लिए अपना अहम रोल निभाते हैं। अगर किसी कंपनी के जो Tangible assets वह खत्म हो गए तो कंपनी का कारोबार भी बंद हो गया कहने का मतलब अब कंपनी पर लॉक लग गया।
और बैलेंस शीट में भी Tangible ऐसेट देखना होता है इसलिए आप इस लेख को अंत तक पढ़िए ताकि, आपको टंजिबल ऐसेट के बारे में समझ में आए। क्योंकि आज आपको हम बताएंगे कि कंपनी की मूर्त संपत्ति क्या होती है? और यह क्यों जरूरी है? इसको बैलेंस शीट में देखकर कैसे कैलकुलेट किया जाता है? और हां यह कितने प्रकार के होते हैं।
तो चलिए जानते हैं —
Tangible assets क्या है? | What are the Tangible asset in hindi
Tangible Assets Meaning in Hindi – Tangible Assets वह ऐसैट्स है जिन्हें हम छू सकते हैं और देख सकते हैं क्योंकि ज्यादातर Tangible Assets फिजिकल फॉर्म नहीं होते हैं उदाहरण के लिए बिल्डिंग, फैक्ट्री, मशीनें रो मटेरियल, आदि यह सभी टंजिबल ऐसेट कहलाते हैं, और हिंदी में इसका मतलब होता है मूर्त संपत्ति। चलिए आपको थोड़ा सा समझाते हैं—
- देखिए Tangible Assets और Intangible Assets दोनों एक दूसरे से अलग होते हैं। मगर Tangible Assets कंपनी का मुख्य इनकम सोर्स होता है।
- यहां तक की Tangible Assets की वैल्यू को इनटेंजिबल एसेट की तुलना में सरलता से मापी जा सकती है।
- और आपको बता दें की कंपनी में रो मटेरियल सबसे जरूरी Tangible Assets में से एक हैं क्योंकि कोई भी कंपनी बिना किसी रो मटेरियल के अपना प्रोडक्ट तैयार नहीं कर सकती
- किसी भी कंपनी के पास कितने और कौन-कौन से Tangible assets हैं इसका पता उस कंपनी की बैलेंस शीट या फिर Annual Report को देखकर लगा सकते हैं।

Tangible assets के उदाहरण
Asset का मतलब है, संपत्ति। यानि कोई ऐसी वस्तु या चीज़ जो हमें अभी या भविष्य में कमाई कर के दे।
बिजनेस में दो प्रकार के tangible assets होते हैं –
- पहला होता है Current Assets
- दूसरा होता है Fixed Assets
Current ऐसेट क्या होता है?
यह वह ऐसेट्स हैं जिनको 1 वर्ष से कम अवधि में नकद (Cash) में बदला जा सकता है। और इनको short-term ऐसैट्स भी कहा जाता है या फिर लिक्विड एसेट भी कहते हैं।
उदाहरण के लिए – Cash in Hand, केस equivalents जैसे बैंक डिपॉजिट, एफडी (FD), सिक्योरिटीज जैसे कि स्टॉक्स हो गए, बॉन्ड वे म्यूचल फंड और इनके अलावा स्टॉक इन्वेंटरी और शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट आदि करंट ऐसेट्स की श्रेणी में आते हैं।
Fixed ऐसेट्स क्या होते हैं।
फिक्स एसेट वह है जिनको 1 वर्ष के भीतर की अवधि में नगद रूप में नहीं बदला जा सकता और इनको कारोबार की भाषा में लॉन्ग टर्म ऐसेट या फिर हार्डवेयर ऐसैट्स कहते हैं। और इनकी वैल्यू टाइम के साथ साथ कम होती जाती है यानी कि depreciate होती है।
उदाहरण के लिए – भूमि, फैक्ट्री, मशीनरी, कंप्यूटर्स, फर्नीचर्स और कई सारे हार्डवेयर इक्विपमेंट होते हैं यह सभी फिक्स्ड ऐसेट कहलाते हैं।
Tangible asset क्यों महत्वपूर्ण होते हैं?
डियर पाठक किसी भी कारोबार में टेंजिबल ऐसैट्स का होना बहुत आवश्यक है क्योंकि यह बिजनेस में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। और यह ऐसेट हर कंपनी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि इन्हें की मदद से कोई प्रोडक्ट या सर्विस तैयार की जाती है।
यहां तक की जब कंपनी को पैसों की आवश्यकता होती है तो कोई भी ऐसे उधार नहीं देता है मगर कंपनी के पास में अगर टेंजिबल ऐसेट पर्याप्त मात्रा में है तो कंपनी उन्हें किराए पर देखकर या फिर उस संपत्ति पर लोन उठाकर अपना वर्तमान कार्य कर सकती है।
क्योंकि आगे बढ़ने के लिए हर कंपनी को पैसों की आवश्यकता होती है इसीलिए कभी-कभी यह सिचुएशन आ जाती हैं। और बिना पैसों के कोई भी बिजनेस ग्रो नहीं कर सकता इसलिए उसे लोन लेना पड़ता है लेकिन अगर कंपनी के पास कुछ ऐसे संपत्ति या ऐसेट ही नहीं है तो कंपनी को लोन नहीं मिल सकता, मगर कंपनी के पास टेंजिबल एसेट हैं तो कंपनी को आराम से लोन मिल जाता है।
Tangible assets की गणना ( Calculation) कैसे कर सकते हैं?
calculate tangible assets in hindi:- टेजिबल ऐसेट की गणना एकाउंटिंग के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है लेकिन उन्हें बताने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि एकाउंटिंग वाले इसमें परफेक्ट है, आपको बता दें कि प्रत्येक Tangible assets कुछ वैल्यू होती है जिसे आसानी से कैलकुलेट किया जा सकता है।
लेकिन इसके लिए जरूरी बात यह है कि कैलकुलेट करने से पहले यह जानकारी होना आवश्यक है कि कंपनी के पास कितने Tangible assets है और उन सब की क्या कीमत है यह पता होना आवश्यक है, हालांकि इसका पता लगाना भी आसान है इसके लिए आप कंपनी की बैलेंस शीट देख सकते हैं और आसानी से Tangible assets की वैल्यू निकाल सकते हैं।
हालांकि बैलेंस शीट में Tangible assets की वैल्यू को करंट ऐसेट और फिक्स्ड ऐसेट की वैल्यू को अलग-अलग तरीके से कैलकुलेट किया जाता है।
Value For Fixed Assets
प्रिय पाठक देखिए टेंजिबल फिक्स्ड ऐसेट्स की वैल्यू भी कंपनी में उसकी डायरेक्ट खरीद कीमत नहीं होती है बल्कि इसमें ओल्ड नेस के हिसाब से कंपनी की बैलेंस शीट पर लिखी जाती है और यह हर साल चेंज होती है चलिए आपको एक उदाहरण के माध्यम से समझाते हैं।
जैसे किसी XYZ कंपनी ने एक मशीन खरीदी जिसकी कीमत वर्तमान समय में ₹500000 हैं और जो इसकी लाइफ वैलिडिटी है जितने साल यह चलेगी वह 10 वर्ष है यानी कि यह मशीन बस 10 साल के लिए ही बनाई गई है। तो अब यह जैसे-जैसे हर वर्ष पुरानी होती जाएगी वैसे वैसे इसकी वैल्यू 10% कम होती जाएगी, जैसे अगर इसकी कीमत वर्तमान में ₹500000 हैं, तो 10% के हिसाब से हर वर्ष ₹50000 कम होती चली जाएगी यानी कि अगले साल इसकी वैल्यू ₹450000 रह जाएगी। और इसके नेक्स्ट ईयर 400000 हो जाएगी।
तो कुछ इस प्रकार current assets और fixed assets के लिए tangible assets की वैल्यू कैलकुलेट की जा सकती हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु for Tangible Assets in Hindi
- जैसे कि आपको पता है किसी भी बिजनेस में Tangible assets बाकी सभी ऐसैट्स के मुकाबले अधिक होते हैं। जैसे कोई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट है या फिर इंफ्रास्ट्रक्चर आयल मिल और कंस्ट्रक्शन कंपनियों में यह ऐसेट बहुत ज्यादा मात्रा में होते हैं, उदाहरण के लिए टाटा मोटर्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज, ONCG, आदि वहीं अगर हम आईटी कंपनियों को देखे तो इनके पास यह ऐसैट्स कम मात्रा में होते हैं, जैसे इंफोसिस, टीसीएस, विप्रो आदि
- Tangible assets को हमेशा कंपनी की बैलेंस शीट में लिक्विडिटी के अनुसार दर्शाया जाता है,Tangible assets को कंपनी Pledge या फिर collateral security के आधार पर गिरवी रखकर लोन ले सकते हैं
- जिन कंपनी के पास Tangible assets कम होते हैं उनको लोन भी कम मिलता है।
- प्रिय पाठक आमतौर पर Fixed Assets ही tangible assets कहलाते हैं जिन्हें हम Long-term asset भी बोलते हैं।
- tangible assets कंपनी की संपत्ति और पूंजी का बहुत बड़ा हिस्सा होते हैं।
निष्कर्ष Tangible Assets Meaning in Hindi
डियर पाठक Tangible Assets कंपनी के वह ऐसेट होते हैं जिनकी मदद से कंपनी कोई सामान तैयार करती है या फिर कोई सर्विस तैयार करती हैं और फिर अपने यूजर तक पहुंचाती है, और इनका मतलब होता है कंपनी के पास ठोस मटेरियल या फिर ऐसे ऐसेट जो फिजिकली रूप में मौजूद है उदाहरण के लिए –
- भूमि
- मशीनरी
- बिल्डिंग
- Office equipment
- कंप्यूटर
- फर्नीचर्स
- वाहन
- नगद केस
- बैंक डिपॉजिट
- Account Receivables
बॉन्ड्स, शेयर्स, डेब्ट फंड और आदि
आशा करते हैं आज का लेख Tangible Assets in Hindi आपको पसंद आया होगा। अधिक जानकारी के लिए आप यह वीडियो देख सकते हैं।
Note वीडियो सिर्फ एजुकेशन परपज के लिए है आप इससे आगे कोई जोखिम लेते हैं तो आप स्वयं जिम्मेदार होंगे
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