अगले 30 दिनों में यह 10 स्टॉक करेंगे मालामाल

Top 10 stock for November

नमस्कार, आप भी अगर ऐसे स्टॉक ढूंढ रहे हैं जो बहुत कम समय में आपको ज्यादा से ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें क्योंकि इस लेख में हम आपको 10 ऐसे स्टॉक बताने वाले हैं जो आने वाले कुछ दिनों के भीतर आपको अच्छे रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं

इससे पहले कि हम इस लेख को और आगे बढ़ाएं हमारा आपसे यह एक सवाल है कि आप शेयर मार्केट से कितने पर्सेंट रिटर्न की उम्मीद रखते हैं जैसे कि 2%, 5% या 7% लेकिन आपको इस लेख में जो स्टॉक हम बताने वाले हैं वह आपको आने वाले कुछ दिनों के भीतर 10% से भी ज्यादा का रिटर्न देने की काबिलियत रखते हैं इसलिए आप इस लेख को अच्छे से पढ़े ताकि आपको सब कुछ समझ में आ जाए तो चलिए शुरू करते हैं

Top Trading Ideas

आपको जो नीचे स्टॉक बताए गए हैं उसे आप स्विंग ट्रेडिंग या लोंग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए खरीद सकते हैं लेकिन दोस्तों यह स्टॉक हम आपको हमारी रिसर्च और एजुकेशन परपज से बता रहे हैं तो इसमें हम गलत भी हो सकते हैं इसलिए स्टॉक पत्रिका टीम आपको हमेशा यह सलाह देती है कि किसी भी स्टॉक को खरीदते समय अपनी खुद की रिसर्च जरूर करें और जब आपको लगे कि हां यह इन्वेस्ट करने लाइक शेयर है तभी आपको उसमें इन्वेस्ट करना चाहिए

Technical Analysis in Hindi | टेक्निकल एनालिसिस क्या है

HDFC

एचडीएफसी का शेयर जब आपको ₹2400 पर मिले तभी आपको इसे खरीदना है इस शेयर का आपको टारगेट ₹2450 रखना है और आपको इस शेयर के लिए स्टॉपलॉस ₹2350 रखना है इस शेयर से आपको आने वाले कुछ दिनों के भीतर 6% का रिटर्न मिल सकता है

Cummins India

आपको यदि इस शेयर को खरीदना है तो आप इसे ₹1293 के पास खरीद सकते हैं इस स्टॉक के अंदर आपको ₹1495 का टारगेट रखना है आपको इस शेयर के लिए स्टॉप लॉस ₹1193 फॉलो करना है इस शेयर से आपको आने वाले कुछ हफ्तों के अंदर 16% तक का रिटर्न देखने को मिल सकता है

Power Finance Corporation

यदि आप इस शेयर को खरीदने का मन बना रहे हैं तो आपको इस शेयर को सिर्फ ₹114 के भाव पर ही खरीदना है इस शेयर का टारगेट आप ₹128 के आसपास रख सकते हैं इसके अलावा यदि आपको इस शेयर का स्टॉपलॉस लगाना है तो आप स्टॉपलॉस ₹106 के पास लगा सकते हैं इस स्टॉक का अंदर आपको आने वाले 1 महीने के भीतर 12% से लेकर 14% तक का रिटर्न देखने की उम्मीद रख सकते हैं

JSW Steel

आपको यदि जेएसडब्ल्यू स्टील खरीदना है तो आप इस स्टॉक को ₹670 पर खरीद सकते हैं इस स्टॉक के लिए आपको स्टॉपलॉस ₹634 फॉलो करना है और यदि टारगेट की बात की जाए तो आप इस शेयर मैं ₹790 का टारगेट रखा जा सकता है इस शहर के अंदर आपको आने वाले कुछ हफ्तों या महीनों में 20% का रिटर्न मिलने की संभावना है

Spare

इस स्टॉक को आप ₹251 पर खरीद सकते हैं इस शेयर के लिए आपका स्टॉप लॉस ₹235 होना चाहिए और यदि टारगेट की बात की जाए तो आपको इस शेयर के लिए टारगेट ₹278 का रखना है इस शेयर से आपको 11% रिटर्न मिलने की उम्मीद है

Max Health Care Institute

यह स्टॉक फार्मा इंडस्ट्री से जुड़ा हुआ है तो आप इस शेयर को ₹431 के भाव पर खरीदने का प्लान बना सकते हैं इस शेयर के लिए आपको स्टॉप लॉस ₹390 का फॉलो करना है और टारगेट की बात की जाए तो आप इसका टारगेट ₹500 रख सकते हैं इस शेर से आपको आने वाले दिनों के अंदर 16% का रिटर्न मिलने की संभावना है फोन कर पूछ लो न

L & T Finance Holding

इस स्टॉक को आप ₹75 से ₹80 के बीच में खरीद सकते हैं इस स्टॉक से आने वाले कुछ दिनों के भीतर आपको ₹88 का टारगेट देखने को मिल सकता है और इस स्टॉक में आपका स्टॉपलॉस ₹70 होना चाहिए शेयर से आपको आने वाले कुछ दिनों के भीतर 10% का रिटर्न मिल सकता है

Top 10 swing Trading share Conclusion

इस लेख के अंदर हमने आपको कुछ ऐसे शेयर बताए हैं जो आपको आने वाले कुछ हफ्तों या महीने के भीतर अच्छे रिटर्न देने की काबिलियत रखते हैं हमारे द्वारा बताए गए स्टॉक के ऊपर आप अपने खुद के रिसर्च करके अपने खुद के रिस्क पर इन्वेस्ट कर सकते हैं यदि आप स्टॉक मार्केट में पैसा इन्वेस्ट करते हैं तो आपको हमेशा 20% से ज्यादा पैसा इन्वेस्ट नहीं करना चाहिए यदि

आपको ऐसे ही लेख और चाहिए तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं इसके अलावा यदि आपको फ्री में शेयर मार्केट सीखने के लिए आप नीचे दिया गया बेल आइकन दबाकर Stockpatrika.com को सब्सक्राइब कर सकते हैं

Bikaji Ipo Alert | आज का ग्रे मार्केट प्रीमियम भाव

Bikaji Ipo Gray market premium today in hindi

नमस्कार, आपने जब भी किसी आईपीओ में निवेश करते हो तो आप जब तक वो आईपीओ शेयर बाजार में लिस्ट नहीं हो जाता आप उसका ग्रे मार्केट प्रीमियम देखते रहते हो, लेकिन क्या आपको पता है कि ग्रे मार्केट प्रीमियम क्या होता है ग्रे मार्केट प्रीमियम को कैसे कैलकुलेट किया जाता है और किसी भी आईपीओ में अप्लाई करने से पहले ग्रे मार्केट देखना क्यों जरूरी है साथ ही हम आपको इस लेख में बीकाजी आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम आज क्या चल रहा है वह भी बताएंगे तो आप इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े ताकि आपको पता चले की Bikaji ipo gray market premium today in hindi क्या है

Bikaji Foods Ipo Review | पैसा डबल

Bikaji Ipo Gray market premium in hindi

किसी भी कंपनी के आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम पता लगाने के लिए उस कंपनी के आईपीओ को लेकर लोगों के अंदर कितना उत्साह है, कितने लोग ज्यादा से ज्यादा इस आईपीओ को सब्सक्राइब कर रहे हैं और इस समय शेयर मार्केट की क्या चाल है जब भी आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम पता लगाया जाता है तो आईपीओ के समय मार्केट की चाल, आईपीओ को खरीदने की संख्या और उस आईपीओ के लिए मांग इन तीनो महत्वपूर्ण बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए किसी भी कंपनी के आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम कैलकुलेट किया जाता है

Bikaji Ipo आज का ग्रे मार्केट प्रीमियम भाव

DateGMPKostakSubject To
7
November
₹15₹300₹900
8
November
₹15₹300₹900
9
November
₹35₹300₹900
10
November
₹38 ₹300 ₹900

Bikaji Ipo Expecte Returns ?

आपने वैसे तो सोशल मीडिया पर बहुत सारे लोगों को यह कहते हुए देखा होगा कि बीकाजी का आईपीओ आपके पैसे को डबल कर देगा या तिरपल कर देगा लेकिन हम आपको बता दे की ऐसा नहीं है बीकाजी आईपीओ से जो बड़े-बड़े फंड मैनेजर और ब्रोकरे मैनेजर है वह यह Expect कर रहे हैं कि बीकाजी का आईपीओ आपको ज्यादा से ज्यादा 5% से 30% तक का रिटर्न दे सकता है

What is the bikaji foods Ipo Gmp today ?

यदि अब आप बात करें बीकाजी आईपीओ की तो आज बीकाजी फूड्स के आईपीओ का जो ग्रे मार्केट प्रीमियम चल रहा है वह ₹15 है हम आपको इसे आगे और जैसे ही है बदलता रहेगा हम आपको यहां पर अपडेट करते रहेंगे तो इसके लिए आप नीचे दिया हुआ बैल आइकन प्रेस करके नोटिफिकेशन चालू कर सकते हैं

Edit – Thursday , November 10, 2022

Bikaji Foods Ipo Review | पैसा डबल

BIKAJI Foods Ipo Review

आप राजस्थान से है तो आपने बीकाजी के नमकीन और भुजिया जरूर खाई होगी लेकिन यदि आप भारत के किसी और राज्य से भी हो तो भी आपने कभी ना कभी तो बीकाजी की भुजिया जरूर खाई होगी तो चलिए आज हम Bikaji Foods Ipo review करने वाले हैं

क्या आपको बीकाजी फूड आईपीओ में अप्लाई करना चाहिए या नहीं साथ ही हम आपको कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करके भी बताने वाले हैं और साथ में हम आपको अपने विचार भी लास्ट में जरूर बताएंगे कि आपको बीकाजी का आईपीओ खरीदना चाहिए या नहीं

आपको इस ब्लॉग में बीकाजी के आईपीओ से संबंधित पूरी जानकारी मिलने वाली है तो इसलिए आप इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें

Bikaji Foods Ipo Review

आज मार्केट में बहुत सारी कंपनियां है जो नमकीन और भुजिया बेचने का कार्य करती है जैसे कि हल्दीराम, बीकेनो और बीकाजी इनके अलावा भी छोटे-छोटे कई सारे ब्रांड है जो मार्केट में अपनी पकड़ बना कर बैठे हैं लेकिन जब बात आती है बीकाजी के आईपीओ में इन्वेस्ट करने की तो हम सोचने लगते हैं

कि इस आईपीओ में हमें इन्वेस्ट करना चाहिए या नहीं, क्या आईपीओ में हमारे पैसे डबल होंगे या नहीं तो चलिए हम आपको बीकाजी आईपीओ के रिव्यु के बारे में कुछ और बताएं उससे पहले हम आपको Bikaji की हिस्ट्री में लेकर चलते हैं ताकि आपको यह सारी बात समझ में आ जाए

History of Bikaji and Haldiram

बीकाजी का जो इतिहास है वह बहुत ही मजेदार है आज आप मार्केट में जो हल्दीराम की नमकीन देखते हो जोकि बीकाजी का सबसे बड़ा कंपीटीटर भी है लेकिन फिर भी बीकाजी का इतिहास हल्दीराम से ही शुरू होता है चलिए हम आपको विस्तार से बताते हैं

सन 1937 में गंगाराम अग्रवाल जिनको हल्दीराम के नाम से जाना जाता था वह बीकानेर में नमकीन और भुजिया बेचते थे लेकिन सन 1970 तक आते-आते हल्दीराम की जो दुकान काफी ज्यादा चल पड़ी थी जिसके कारण उसके ऊपर ग्राहकों की डिमांड कई गुना ज्यादा बढ़ गई जिसकी वजह से हल्दीराम को अपने बिजनेस को बढ़ाना पड़ा और उन्होंने अपना एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट कोलकाता में खुला और उसके बाद भारत के कई शहरों में हल्दीराम के मैन्युफैक्चरिंग यूनिट खोले गए लेकिन धीरे-धीरे हल्दीराम की फैमिली बढ़ती गई और हल्दीराम कंपनी के बीच बंटवारे होने लगे हल्दीराम जी के तीन बेटे थे और तेजी से अब यह फैमिली बढ़ती ही जा रही थी

लेकिन इस बंटवारे से कंपनी के ग्रोथ पर कई सारे प्रभाव पढ़ रहे थे लेकिन इसी बीच हल्दीराम जी के बड़े बेटे शिवरतन अग्रवाल ने यह पहले ही सोच लिया कि जैसे-जैसे फैमिली बढ़ती जाएगी कंपनी की परेशानियां भी बढ़ती ही जाएगी उन्होंने 1986 में हल्दीराम से अलग होकर अपना एक अलग ही ब्रांड बनाने की सोची उन्होंने ऐसा ब्रांड बनाने का सोचा कि जिसका किसी भी स्थान से कोई लेना-देना ना हो इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए शिवरतन अग्रवाल ने शिवदीप फूड प्रोडक्ट नाम की कंपनी शुरू की लेकिन उन्होंने 1993 तक आते-आते इस कंपनी का नाम बीकाजी फूड्स के नाम से रख लिया और यहीं से उन्होंने अपने एक ब्रांड की शुरुआत कर दी थी

बीकाजी ब्रांड के पीछे इस नाम को रखने का एक उद्देश्य था क्योंकि जो राजस्थान में बीकानेर जिला है बीकानेर जिले को बसाने वाले व्यक्ति का नाम बिका रावजी था और इसी से इंस्पायर होकर श्री शिवरतन जी ने बीकाजी ब्रांड की शुरुआत की थी आज बीकाजी कंपनी का आईपीओ शेयर मार्केट में लिस्ट होने के लिए आया है तो चलिए अब हम आपको बीकाजी के बिजनेस के बारे में अच्छे से बताते हैं

Bikaji Business Review

आज के समय में बीकाजी कंपनी के पास 250 से भी ज्यादा प्रोडक्ट है लेकिन फिर भी बीकाजी कंपनी को जो सबसे ज्यादा फायदा होता है वह बीकाजी नमकीन, बीकाजी भुजिया बीकाजी स्वीट्स से होता है बीकाजी कंपनी को सिर्फ 3 प्रोडक्ट से 83% का मुनाफा होता है बीकाजी के पास 6 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट है इनमें से चार प्लांट बीकानेर में ही स्थित है बाकी के दो प्लांट बेंगलुरु और गुवाहाटी में है आज भी bikaji को सबसे ज्यादा फायदा होलसलर के माध्यम से ही होता है

बीकाजी अपने सारे प्रोडक्ट का डिस्ट्रीब्यूशन होलसेल के माध्यम से ही करती है लेकिन सबसे मजेदार बात यह है कि बीकाजी का जो डिस्ट्रीब्यूटर नेटवर्क है और यह हर साल काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है लेकिन फिर भी बीकाजी का यह मानना है कि वह इस डिस्ट्रीब्यूटर नेटवर्क के भरोसे नहीं रहना चाहते हैं

इसलिए उन्होंने अपनी खुद की भी रिटेल शॉप शुरू की है आज के समय में बिका जी के पास 27 रिटेल शॉप है बीकाजी कंपनी को सबसे ज्यादा फायदा भारत में 3 राज्यों राजस्थान, बिहार और असम के माध्यम से होता है

Bikaji Foods Revenue

यदि आप बीकाजी कंपनी के रेवेन्यू की ग्रोथ को देखना चाहते हैं तो हमने आपको बीकाजी कंपनी के पिछले 4 सालों का चार्ट बनाकर नीचे बता दिया है यहां से आप कंपनी की ग्रोथ रेट रेवेन्यू और नेट प्रॉफिट के बारे में आसानी से पता लगा सकते हैं

Bikaji Ipo Negative Points

  • बीकाजी का आज भी सबसे ज्यादा फायदा सिर्फ 3 राज्यों से होता है तो अगर इन राज्यों के अंदर कोई और ब्रांड आ जाता है तो यह बीकाजी के लिए नुकसानदायक हो सकता है
  • आज भी जो मार्केट में सबसे बड़ा प्लेयर है वह है हल्दीराम जिसके पास 36% मार्केट शेयर है इसके बाद आते Bicno है और लास्ट में बीकाजी आते हैं
  • अगर भविष्य में बीकाजी कंपनी अपने सबसे बड़े कंपीटीटर हल्दीराम से कंप्लीट कर पाती है तो कंपनी का भविष्य बहुत ही अच्छा हो सकता है

Bikaji Pe ratio

आप दूसरी कंपनियों के मुकाबले यदि बीकाजी pe रेशों की बात करें तो यह बहुत ही अच्छा है बीकाजी का pe ratio आज के समय में 95.23% निकल कर आता है जो कि बहुत ही अच्छा माना जाता है

Bikaji ipo Listing Gain

यदि आपको बीकाजी के आईपीओ में सिर्फ लिस्टिंग Gain के लिए इन्वेस्ट करना है तो यहां पर आपको उतना लिस्टिंग gain नहीं मिलेगा जितना कि आपको किसी और दूसरा ipo में देखने को मिलता है क्योंकि कंपनी का जो वैल्यूएशन है वह बहुत ही ज्यादा रखा गया है इसलिए यहां पर आपको लिस्टिंग gain 20% के आसपास देखने को मिल सकता है

Bikaji ipi Gmp Today

यदि आपको बीकाजी आईपीओ की ग्रे मार्केट प्रीमियम देखना है तो आप हमारे द्वारा दिए गए नीचे लिंक के ऊपर क्लिक करके बीकाजी आईपीओ के ग्रे मार्केट प्रीमियम को देख सकते हैं

Click

Bikaji Ipo Review Conclusion

हमने आपको बीकाजी आईपीओ से संबंधित संपूर्ण जानकारी जैसे बीकाज का इतिहास, बीकाजी का बिजनेस मॉडल और बीकाजी कंपनी के प्रोडक्ट के अलावा भी हमने आपको बीकाजी कंपनी और बीकाजी आईपीओ से संबंधित संपूर्ण जानकारी इस लेख में देने का प्रयास किया है तो यदि आपको यह लेख अच्छा लगा है तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं और ऐसे ह

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What is Direct Tax | डायरेक्ट टैक्स क्या होता है (प्रत्यक्ष कर)

What is Direct Tax

नमस्कार डियर पाठक पिछले लेख में हमने इनडायरेक्ट टैक्स यानी अप्रत्यक्ष कर के बारे में जाना था, और आज के इस लेख में हम डायरेक्ट टैक्स के बारे में जानेंगे (What is Direct Tax) डायरेक्ट टैक्स के बारे में सबको जानना चाहिए क्योंकि अगर फ्यूचर में आप कुछ बड़ा करते हैं, और आपके पास पैसे आ जाते हैं तो अब आपको सरकार को टैक्स देना होगा।

तो इस स्थिति में आपको जब पता रहेगा कि डायरेक्ट टैक्स क्या होता है तो आप किसी भी प्रकार की पेनल्टी से बचे रहेंगे और नहीं होगा तो आपके ऊपर इनकम टैक्स की पेनल्टी लग सकती है। इसलिए आज का आर्टिकल बहुत ही काम का होने वाला है इसलिए इसको अंत तक अवश्य पढ़ें –

चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि डायरेक्ट टैक्स क्या होता है।

स्टॉक मार्केट से पैसा कैसे कमाए

एफडी क्या होती है और इसमें कितना ब्याज मिलता है

निवेश क्या होता है किस जगह निवेश करने पर अच्छा मुनाफा मिलता है

What is Direct Tax in Hindi | क्या होता है डायरेक्ट टैक्स

What is Direct Tax in Hindi – डायरेक्ट टैक्स का मतलब होता है प्रत्यक्ष कर जो टैक्सपेयर्स या कोई बिजनेस संगठन अप्रत्यक्ष रूप से उस एंटिटी को देते हैं जिसने इस टैक्स को लगाया है चलिए आपको उदाहरण से समझाते हैं जैसे कोई व्यक्ति विशेष करदाता आयकर विभाग को टैक्स देता है, और रियल स्टेट पर प्रॉपर्टी टैक्स लगता है, पर्सनल प्रॉपर्टी टैक्स या ऐसेट्स पर टैक्स सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए सरकार को प्रत्यक्ष कर यानी कि डायरेक्ट टैक्स का भुगतान करता है।

जैसा कि हमने पिछले अध्याय में अप्रत्यक्ष कर के बारे में जाना अप्रत्यक्ष कर के भी प्रकार होते हैं जैसे सेल्स टैक्स, और इनडायरेक्ट टैक्स में टैक्स विक्रेता पर लगाया जाता है लेकिन इसका भुगतान खरीददार को करना होता है अधिक जानकारी के लिए आप इस लेख को पढ़ सकते हैं इनडायरेक्ट टैक्स क्या होता है।

टैक्स कौन देता है।

डायरेक्ट टैक्स को मुख्य रूप से क्षमता के सिद्धांत के आधार पर लिया जाता है। और इस आर्थिक सिद्धांत में कहा गया है कि जिनके पास ज्यादा संसाधन है या जो ज्यादा आमदनी अर्जित करते हैं। उनको ज्यादा से ज्यादा टैक्स देना चाहिए हालांकि कुछ लोगों का मानना है। कि यह टैक्स व्यक्तियों के लिए निरुत्साही है क्योंकि व्यक्ति अपने मेहनत के बलबूते पर अधिक धन अर्जित करता, है लेकिन इस सिद्धांत के अनुसार जो व्यक्ति ज्यादा काम आएगा उसे ज्यादा टैक्स देना पड़ेगा।

हालांकि देश के लिए भी कंट्रीब्यूट होना जरूरी है। इसलिए आप अधिक कमाई है और अधिक टैक्स दीजिए ताकि देश में उच्च लेवल का विकास हो सके।

डियर पाठक डायरेक्ट टैक्स को किसी दूसरे व्यक्ति या अन्य कंपनी पर टाला नहीं जा सकता। जिस व्यक्ति या कंपनी पर टैक्स लगाया जाता है टैक्स उसी को भरना पड़ता है। डायरेक्ट टैक्स यानी प्रत्यक्ष कर अप्रत्यक्ष कर से बिल्कुल अलग होता है, क्योंकि जहां पर टैक्स किसी विक्रेता पर लगाया जाता है और उसी को देना पड़ता है और जैसे कि किसी रिटेल शॉपिंग में सेल्स टैक्स का भुगतान खरीददार द्वारा ही किया जाता है, और आपको बता दें कि यह दोनों ही कर यानि टैक्स सरकार के राजस्व एकत्रित करने के महत्वपूर्ण स्रोत है।

History of Direct Tax डायरेक्ट टैक्स का इतिहास

डियर पाठक डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स के बीच का आधुनिक अंतर 1913 में अमेरिकी संविधान के 16 संशोधन की संपुष्टि के साथ आया था। छोड़ के संशोधन से पहले अमेरिका में टैक्स का कानून लिखित रूप से था जिससे कि प्रत्येक स्तर को सीधे राज्य की आबादी के बीच डिस्ट्रीब्यूट यानी बांट दिया गया था। इसका सटीक उदाहरण बैठता है, कॉरपोरेट टैक्स क्योंकि यह डायरेक्ट टैक्स का बेस्ट उदाहरण है

निष्कर्ष : What is Direct Tax

डियर पाठक डायरेक्ट टैक्स अगर सिंपल लैंग्वेज में बताएं तो यह टेक्स ज्यादा इनकम करने वाले लोगों को देना पड़ता है या जिनके पास बहुत ज्यादा संसाधन है। और सरकार के पास राजस्व बढ़ाने का यह सबसे महत्वपूर्ण स्रोत हैं, इनडायरेक्ट टैक्स भी महत्वपूर्ण है। लेकिन वह गरीब अमीर नहीं देखता और डायरेक्ट टैक्स में केवल अमीर लोगों पर ही टैक्स लगाया जाता है या फिर कंपनी पर इनकम टैक्स लगाया जाता है।

अगर आप इस लेख को पढ़ रहे हैं तो हमारी आप से गुजारिश है कि आप अपने जीवन में ऐसा कार्य कीजिए कि आप भी देश के कार्य में भागीदार हो जाए टैक्सपेयर्स बनके स्टॉक पत्रिका आपके उज्जवल भविष्य की कामना करता है।

अगर आपको यह लेख डायरेक्ट टैक्स क्या होता है (What is Direct Tax) पसंद आए हैं तो इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अवश्य शेयर कीजिए और अगर आप स्टॉक मार्केट सीखना चाहते हैं तो स्टॉक पत्रिका को अवश्य फॉलो कीजिए।

फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है | FD Kya Hai (Fixed Deposit)

FD Kya Hai

नमस्कार डियर पाठक आज के इस लेख में हम जानेंगे कि FD Kya Hai (फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है) आपने अक्सर जब भी निवेश के बारे में सुना होगा तो अधिकतर लोग बोलते हैं कि आप फिक्स डिपाजिट में पैसा डाल दो कोई रिस्क नहीं है। यानी कि एफडी करा दो,

और अधिकतर लोग अपने पैसे को एफडी में डालना ही पसंद करते हैं क्योंकि यहां पर रिस्क कम होता है और ब्याज निश्चित दर पर मिलता है। इसलिए आपके दिमाग में भी यह सवाल आया होगा कि आखिर FD क्या होती है, FD के क्या फायदे हैं, और अपनी कैसे कर सकते हैं। अगर आप भी अपने पैसों के साथ कोई रिस्क नहीं लेना चाहते और एफडी कराना चाहते हैं तो आप इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ के सभी जानकारी हासिल कीजिए।

शेयर मार्केट में कैसे निवेश करें ऑनलाइन

कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है

Fixed Deposit Kya Hai (FD kya hai)

फिक्स्ड डिपॉजिट – FD बैंक और NBFC यानी नॉन – बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां के द्वारा प्रदान किया जाने वाला एक साधन है, जिसके माध्यम से निवेशको को एक निश्चित ब्याज दर पर बिल्कुल सुरक्षित रूप से एक निर्धारित डिपॉजिट राशि को बढ़ा सकते हैं। फिक्स डिपॉजिट एक सेफ इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है, फिक्स्ड डिपॉजिट निरंतर ब्याज दरों की गारंटी देता है।

और डियर पाठक सीनियर सिटीजन के लिए विशेष ब्याज दरें होती हैं और कई ब्याज भुगतान ऑप्शन प्रोवाइड किए जाते हैं, और साथ ही इनकम टैक्स कटौती की सुविधा और इसमें मार्केट संबंधी कोई भी रिस्क नहीं होता है।

FD कभी भी ब्याज दर के उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होती है और साथ ही इसमें लॉक इन अवधि के बाद मैच्योरिटी पर निवेशकों को गारंटीड रिटर्न मिलते हैं। एफडी निवेशक आवधिक आधार पर या मैच्योरिटी पर अपना ब्याज प्राप्त करने का विकल्प चुन सकते हैं। लेकिन यहां पर एक बात है निवेशक आमतौर पर एफडी में पैसा मैच्योरिटी से पहले नहीं निकाल सकते हैं, हां लेकिन एक ऑप्शन है निवेशक कुछ पेनाल्टी चार्ज का भुगतान करने के बाद इसे तोड़ सकते हैं।

Fixed Deposit (FD) की विशेषताएं और फायदे

एफडी की विशेषताएं और फायदे

  1. यहां पर यह सुनिश्चित है कि रिटर्न फिक्स्ड है और एफडी पर मार्केट के उतार-चढ़ाव का कोई प्रभाव नहीं होता है।
  2. FD में मूलधन का नुकसान और रिस्क लगभग ना के बराबर है।
  3. NBFC द्वारा प्रदान की जाने वाली FD की ब्याज दरें बैंकों की तुलना में बहुत अधिक है।
  4. FD को आसानी से और बिल्कुल सिंपल तरीके से रिन्यू किया जा सकता है, और निवेशक अपने डिपॉजिट को रिन्यू करने पर अतिरिक्त दर का लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।
  5. FD डिपॉजिट पूंजी पर 75% तक लॉन भी लिया जा सकता है।
  6. डियर पाठक आपको बता दें कि आयकर अधिनियम 1961 के अनुसार ब्याज आई पर स्रोत पर टैक्स काटा जाता है, अगर निवेशक की कुल आय टैक्स योग्य नहीं है तो वह फार्म 15g और सीनियर सिटीजन के लिए फॉर्म 15h संबित करके टीडीएच से बच सकते हैं।
  7. साथ ही निवेशक अपने मासिक खर्चों को मैनेज करने के लिए आवधिक ब्याज भुगतान का ऑप्शन भी चुन सकते हैं, और सीनियर सिटीजन को अधिकतर मामलों में उच्च एफडी ब्याज दरें मिलती है।

क्या ऑनलाइन एफडी की जा सकती है।

जी हां बिल्कुल आप भी ऑनलाइन एफडी में इन्वेस्ट कर सकते हैं इसके लिए मार्केट में कई सारी कंपनियां मौजूद है, हां हालांकि आपको रिसर्च करके देखना है कि कौन सी कंपनी ग्राहकों को अच्छा ब्याज देती है और किस कंपनी पर भरोसा किया जा सकता है, क्योंकि हमने मार्केट में कई कंपनियों को गोते खाते हुए देखा है हम नाम नहीं लेना चाहेंगे लेकिन पुराने क्रिकेटरों की जर्सी पर आपको वह नाम दिख जाएगा इसलिए हमारा कहने का मतलब है कि आप ऑनलाइन या ऑफलाइन जहां भी इन्वेस्ट करें सोच समझ कर करें।

ऑनलाइन एफडी के विकल्प

इसके लिए अच्छा विकल्प है बजाज फाइनेंस जो एफडी पर अच्छा खासा ब्याज प्रोवाइड करवाता है, और यहां पर आपको इन्वेस्ट करने के लिए केवल कुछ ही बुनियादी चीजों की जरूरत होती है जैसे मोबाइल नंबर से लॉगिन करने के लिए आपको ओटीपी डालना होगा,

वहीं अगर आप बजाज फाइनेंस के करंट कस्टमर है तो आप अपना विवरण पता डालकर वेरीफाई करें और इसमें नॉमिनी का विवरण दर्ज करें अगर आप नए कस्टमर है, तो पैन कार्ड या आधार कार्ड जैसे वेरीफाइड डॉक्यूमेंट अपलोड करके अपनी केवाईसी कंप्लीट कर सकते हैं।

बैंक का अकाउंट की डिटेल के साथ डिपॉजिट पूंजी, और अवधी और ब्याज भुगतान का प्रकार दर्ज करें, अब आप नेट बैंकिंग या यूपीआई के माध्यम से भुगतान करने का विकल्प चुने और आपको बता दें कि एक लाख से अधिक निवेश के लिए केवल नेट बैंकिंग का विकल्प ही अवेलेबल है। और इस प्रकार भुगतान होने के बाद आपका डिपॉजिट बुक हो जाएगा और आपको 15 मिनट के अंदर अंदर ईमेल और एसएमएस के माध्यम से बिल प्राप्त हो जाएगा। अब ठीक उसी प्रकार आप जो बैंक अच्छा ब्याज देती है और ग्राहकों का ख्याल रखती है आप उसमें भी निवेश कर सकते हैं,

जहां पर आपका बैंक का अकाउंट है आप उसी बैंक में भी एफडी करवा सकते हैं, वहां पर आप शाखा प्रबंधन से संपर्क कर सकते हैं और आपको ज्यादा डॉक्यूमेंटेशन या किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी लेकिन हो सकता है थोड़ा ब्याज कम मिले

निष्कर्ष : FD Kya Hai

डियर पाठक एफडी कम क्या बिल्कुल नहीं जोखिम वाला साधन है, जहां पर आपको टेंशन लेने की ज्यादा आवश्यकता नहीं पड़ती है और नहीं रोज-रोज कोई झंझट झेलना पड़ता है, यहां पर आपने एक बार पैसा निवेश किया तो वह ऑटोमेटिकलि बढ़ता जाएगा। और भारत में ज्यादातर लोग स्टॉक मार्केट से ज्यादा एफडी पर भरोसा करते हैं। हालांकि अभी धीरे-धीरे लोगों का रुझान मार्केट के तरफ होने लगा है, अगर आप भी स्टॉक मार्केट सीखना चाहते हैं तो स्टॉक पत्रिका को फॉलो कीजिए।

आशा करते हैं आपको यह लेख FD Kya Hai पसंद आया होगा और काफी नॉलेजेबल जानकारी लगी होगी तो इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अवश्य शेयर कीजिए।

What is The Indirect Tax | इनडायरेक्ट टैक्स क्या होता है

What is The Indirect Tax

नमस्कार डियर पाठक आज की इस लेख में हम जानेंगे कि इनडायरेक्ट टैक्स क्या होता है। (What is The Indirect Tax) इकोनामी की जानकारी आपको होना बहुत जरूरी है और टैक्स के बारे में जानकारी होना और भी जरूरी है। क्योंकि टैक्स हर जगह यानी की हर बिजनेस खरीददारी या आप कुछ भी छोटा-मोटा प्रोडक्ट खरीदते हैं।

उसका भी आपको टैक्स देना पड़ता है, हर यूजर टैक्स देता है चाहे वह अमीर है या गरीब अब उसी प्रकार का यह इनडायरेक्ट टैक्स है, जिसके बारे में हम जानेंगे इस लेख में तो आप यह सामान्य जानकारी अवश्य ले और इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े।

स्टॉक मार्केट क्या है

शेयर कैसे खरीदे और बेंचे

स्टॉक मार्केट में शेयर खरीदने का तरीका

What is Indirect Tax | क्या होता है इनडायरेक्ट टैक्स

What is Indirect Tax – इनडायरेक्ट टैक्स (Indirect Tax) यानी कि अप्रत्यक्ष कर डियर पाठक इनडायरेक्ट टैक्स सप्लाई चैन यानी कि आमतौर पर कोई उत्पादक रिटेलर में से किसी एक एंटीटी के द्वारा संग्रहित किया जाता है। और फिर इस कर को सरकार को भुगतान किया जाता है।

लेकिन वस्तु या सेवा की खरीद कीमत के हिस्से के रूप में इसे ग्राहक को यानी की उपभोक्ताओं पर डाल दिया जाता है। और आखिरकार उपभोक्ता ही उत्पाद के लिए अधिक भुगतान के जरिए टैक्स देता है।

इनडायरेक्ट टैक्स को ऐसे समझिए

डायरेक्ट टैक्स की व्याख्या डायरेक्ट टैक्स के साथ कंपैरिजन करने के जरिए की जाती है। डियर पाठक इनडायरेक्ट टैक्स किसी इंडिविजुअल या एंटीटी पर टैक्सेशन के रूप में परिभाषित की जा सकती है। इनडायरेक्ट टैक्स के उदाहरण में जैसे ईंधन, शराब या अल्कोहल, सिगरेट आदि जैसे उत्पाद पर शुल्क सभी इनडायरेक्ट टैक्स के उदाहरण ही है।

वही डायरेक्ट टैक्स का उदाहरण इनकम टैक्स, क्योंकि आज अर्जित करने वाला व्यक्ति तत्काल टैक्स का भुगतान करता है। और किसी नेशनल पार्क की एडमिशन फीस डायरेक्ट टैक्सेशन का एक अन्य स्पष्ट एग्जांपल है। कुछ इनडायरेक्ट टैक्स को उपभोग टैक्स के रूप में संदर्भित किया जाता है जैसे की वैल्यू ऐडेड टैक्स (वेैट)

इनडायरेक्ट टैक्स भुगतान कौन करता है

इनडायरेक्ट टैक्स रेवेन्यू कलेक्ट करने के लिए सरकार द्वारा लगाया जाता है। और मूल रुप से यह फिक्स होते हैं, जो टैक्सपेयर्स पर समान रूप से लगाया जाता है। भले ही व्यक्ति की आमदनी कितनी भी हो चाहे वह गरीब हो या फिर अमीर हो सबको इसे भुगतान करना पड़ता है। लेकिन कई लोग इसे रिग्रेसिव टैक्स मानते हैं, क्योंकि यह कम आय वाले वर्ग के लिए एक भारी बोझ के समान होता है। क्योंकि उन्हें भी टैक्स की मात्रा उतनी ही पे करनी पड़ती है जितनी अमीर आदमी करता है।

उदाहरण के लिए किसी बाहर के देश से आने वाले मोबाइल पर आयात शुल्क एक समान ही लगेगा फिर चाह सामने मोबाइल खरीदने वाला व्यक्ति अमीर हो या गरीब उसकी कमाई ज्यादा हो या कम, कहने का मतलब यह हुआ कि आदमी चाहे एक करोड़ कमाने वाला हो या ₹10000 कमाने वाला हूं उसको भी उतना ही शुल्क भुगतान करना पड़ेगा जितना 1 करोड रुपए कमाने वाले व्यक्ति को करना पड़ता है।

निष्कर्ष : What is The Indirect Tax

आपको बता दें कि इनडायरेक्ट टैक्स देश में रहने वाले हर नागरिक को चुकाना पड़ता है फिर चाहे वह अमीर हो या गरीब और इसका पता कई लोगों को आज तक नहीं है। क्योंकि हमें लगता है कि टैक्स तो सिर्फ अमीर लोग देते हैं हां यह सही है डायरेक्ट टैक्स देते हैं। लेकिन गरीब लोगों से भी टैक्स लिया जाता है।

आशा करते हैं आज का आर्टिकल What is The Indirect Tax या इनडायरेक्ट टैक्स क्या होता है आपको समझ में आया होगा ऐसे ही नॉलेजेबल जानकारी पाने के लिए आप स्टॉक पत्रिका वेबसाइट को सब्सक्राइब कीजिए

Liabilities Meaning in Hindi | लायबिलिटीज क्या होती है

Liabilities Meaning in Hindi

नमस्कार डियर पाठक, आज के इस लेख में जानेंगे कि लायबिलिटीज क्या होती है (Liabilities Meaning in Hindi) क्योंकि अगर आप स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते हैं या करते हैं तो आपको इसके बारे में जानना बेहद आवश्यक है, क्योंकि आपको पता है शेयर मार्केट में बैलेंस शीट को समझना कितना जरूरी है। बैलेंस शीट के दो महत्वपूर्ण पहलू होते हैं। पहला ऐसेट और दूसरा लायबिलिटीज।

ऐसेट का मतलब होता है कोई भी वह चीज जो कंपनी को वैल्यू देती है, वही लायबिलिटीज को हम इस आर्टिकल के माध्यम से जानने वाले हैं।

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What is Liabilities (Liabilities Meaning in Hindi)

Liabilities Meaning in Hindi – लायबिलिटीज का मतलब होता है देनदारियां, दायित्व, कर्जा या फिर ऋण सिंपल भाषा में कहे तो लायबिलिटीज का मतलब है कि आपके ऊपर किसी कि कोई रिस्पांसिबिलिटी है जैसे कि ऋण जो आपको किसी अन्य पक्ष को देना है। अगर इसको स्टॉक मार्केट की भाषा में समझे तो किसी कंपनी ने किसी संस्था या फिर कंपनी से लोन लिया हो तो उससे लायबिलिटीज कहते हैं और आपको बता दें कि, धन, वस्तुओं या सेवाओं सहित आर्थिक लाभों के ट्रान्सफर के जरिए समय के साथ लायबिलिटीज का सेटलमेंट हो जाता है।

डियर पाठक बैलेंस शीट पर राइट साइड में रिकॉर्ड लायबिलिटीज में लॉन, अकाउंट पेएबल, मॉर्गेज, डेफर्ड रेवेन्यू, बॉन्ड और किए गए खर्चे सम्मिलित होते हैं। लायबिलिटी एक पक्ष और दूसरे पक्ष के मध्य एक रिस्पांसिबिलिटी है। कॉमर्स की लैंग्वेज में वित्तीय बाध्यता एक दायित्व है। चलिए इसको सरल बनाने के लिए आगे हम लायबिलिटीज के प्रकार जानते हैं—

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लायबिलिटीज के प्रकार (Types of Liabilities in hindi)

डियर पाठक Liabilities के दो प्रकार होते हैं–

  1. Current liabilities (वर्तमान देनदारियां)
  2. Non current liabilities (गैर मौजूदा देनदारियां)

चलिए आगे बढ़ते हैं और विस्तार से जानते हैं लायबिलिटीज के प्रकार के बारे में।

1⃣ Current liabilities (वर्तमान देनदारियां)

Current liabilities meaning in hindi – ऐसे ऋण जिन्हें एक सीमित समय यानी कि एक वर्ष या उससे भी कम समय में चुकाना होता है, उसे ही करंट लायबिलिटीज या वर्तमान देनदारियां कहते हैं। यह एक प्रकार की शॉर्ट टर्म लायबिलिटीज भी है।

उदाहरण के लिए – स्कूल की फीस हो गई, या फिर आपने किसी रिश्तेदार से कुछ समय के लिए कर्जा लिया हो तो तो फिर वह आपके लिए एक लायबिलिटीज बन जाएगी,और जैसे कि बिजली का बिल, एंप्लोई का पेमेंट, शॉर्ट टर्म लोन आदि, करेंट लायबिलिटीज को शॉर्ट टर्म लायबिलिटीज भी कहा जाता है जिसमें अकाउंट पेएबल, इंट्रेस्ट पेएबल, इनकम टैक्स पेएबल, बैंक अकाउंट ऑवरडाफ्ट, Accrued खर्चे और शॉर्ट टर्म लॉन आदि सम्मिलित है। आइए थोड़ा इन शब्दों पर भी फोकस डाल देते हैं।

  1. अकाउंट पेएबल – यह वह बिल है जो अभी तक कंपनी द्वारा वेंडर्स को भुगतान नहीं किए गए हैं। अकाउंट पेएबल को बहुत सी कंपनियों के सबसे बड़ी करंट लायबिलिटीज मानी जाती है।
  2. इंट्रेस्ट पेएबल – ब्याज को कंपनी की बैलेंस शीट के लायबिलिटीज वाले कॉलम में दर्शाया जाता है जोकि कंपनी द्वारा ऋण आदि पर दिए गए ब्याज को प्रदर्शित करता है।
  3. इनकम टैक्स पेएबल – जैसा कि आपको पता है सरकार द्वारा हर कंपनी पर इनकम टैक्स लगाया जाता है, और अगर कोई कंपनी वित्त वर्ष के अंदर टैक्स नहीं भरती है, तो टैक्स की रकम लोंग टर्म लायबिलिटीज में वर्गीकृत कर दी जाती है।
  4. बैंक अकाउंट ऑवरडाफ्ट –डियर पाठक यह एक प्रकार का शॉर्ट टर्म लोन है, जो कि बैंकों की तरफ से प्रोवाइड करवाया जाता है।
  5. Accrued खर्चे – यह कंपनी के उन एक्सपेंस को दिखाता है जो कंपनी के द्वारा भुगतान किए जाने से पहले उसके फाइनेंशियल रिकॉर्ड में थे।

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2⃣ Non current liabilities (गैर मौजूदा देनदारियां)

Non Current Liabilities Meaning in Hindi – नॉन करंट लायबिलिटीज ऐसा कर्ज है जिसे चुकाने के लिए 1 वर्ष या उससे अधिक समय मिलता है। ज्यादा समय मिलने के कारण इसे लॉन्ग टर्म लायबिलिटीज भी कहा जाता है। और आपको बता देगी ज्यादातर कंपनियां लॉन्ग टर्म लायबिलिटीज वाला कर्जा ही लेती है। ताकि जब इस कर्जे का भुगतान करें तो उन्हें थोड़ा समय मिल जाए।

लॉन्ग टर्म लायबिलिटीज में बॉन्ड्स पेएबल, लॉन्ग टर्म लॉन्स, डेफर्ड टैक्स लायबिलिटीज, लॉन्ग टर्म लीज और डेफर्ड रेवेन्यु आदि सम्मिलित है। आइए थोड़ा इन शब्दों पर भी फोकस डाल लेते हैं।

  1. बॉन्ड्स पेएबल – आपको बता दें कि अपने फाइनेंसर स्थिति ठीक करने के लिए कंपनियां बॉन्ड्स जारी करती है, लेकिन फिर अगर खरीदारी ने वापस बेचता है तो कंपनी को बांड का पैसा वापस करना पड़ता है, और यह लगभग 1 वर्ष के लिए होता है।
  2. लॉन्ग टर्म लॉन्स – कंपनी अपने विकास और खर्चों को पूरा करने के लिए बैंक से लंबे समय के लिए लोन लेती है।
  3. डेफर्ड टैक्स लायबिलिटीज – एक निश्चित तिथि पर टैक्स भुगतान किया जाना था, लेकिन नही किया गया । इसलिए वह टैक्स डेफर्ड टैक्स लायबिलिटीज में शामिल किए गए है।
  4. लॉन्ग टर्म लीज – किसी दफ्तर या जमीन को लंबे समय के लिए लीज पर लेने के लिए भुगतान करना।
  5. डेफर्ड रेवेन्यु – वस्तुओं या सेवाओं के लिए प्राप्त किए गए फ्युचर भुगतानों पर लागू होता है, जिन्हें भविष्य में प्रदान किया जाना है।

निष्कर्ष :

डियर पाठक Liabilities लायबिलिटी को हिंदी में दायित्व कहते हैं। आसान भाषा में liability  का मतलब है कर्ज लेना। जैसे कोई अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए बैंक से लोन लेता हैं या किसी भी व्यक्ति विशेष से कर्ज लेता हैं, और किसी तरह का सामान खरीदते हैं और अगर भुगतान बाद में करते हैं तो यह लायबिलिटीज में आती है।

आज के इस लेख Liabilities Meaning in Hindi में हमने लायबिलिटीज के बारे में जाना और समझा, आशा करते हैं आपको लायबिलिटीज के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी और अगर यह लेख आपको पसंद आया तो इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अवश्य शेयर करें।

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