स्टॉक मार्केट में स्क्वायर ऑफ का मतलब क्या होता है?

नमस्कार डियर पाठक आज के इस लेख में हम जाने वाले हैं, कि स्टॉक मार्केट में स्क्वायर ऑफ का मतलब क्या होता है? अगर आपको सिंपल भाषा में बताए तो, स्क्वायर ऑफ का मतलब हिंदी में। यदि एक लाइन में कहें, अपनी इंट्राडे की “पोजीशन को बंद करना” या चुकता करना होता है। चलिए आपको इससे और अच्छी तरह से समझाते हैं, क्योंकि यह बेसिक जानकारी हर ट्रेडर को मालूम रहनी चाहिए।

Square off Meaning in Trading in Hindi

डियर पाठक सुबह प्री ओपनिंग सेशन से मार्केट बंद होने तक। किसी भी स्टॉक को खरीद कर बेचने को स्क्वायर ऑफ कहा जा सकता है।

वहीं आपको बता दें कि इसमें शॉर्ट सेलिंग भी हो सकती है। कहने का मतलब इस शेर को पहले बेच कर बाद में खरीदा जाए।

चलिए कोई बात नहीं, लगता है आपको ठीक से समझ नहीं आया, आइए फिर इसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं।

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स्क्वायर ऑफ का मतलब

चलिए उदाहरण के माध्यम से समझते हैं, स्टॉक मार्केट में स्क्वायर ऑफ का मतलब :-

उदा. 1 यदि आपने सुबह रिलायंस के 20 शेयर खरीदे। फिर आपने शाम को उन्हें बेच दिया, शाम को शेयर बेचने का मतलब है कि आपने अपनी पोजीशन को बंद कर दिया,‌ शाम को शेयर बेचना ऐसा नहीं है, आप पूरे दिन में शेयर कभी भी बेच सकते हैं। यह आपके ऊपर डिपेंड करता है।

उदा. 2 दूसरे उदाहरण में वही बात है इसमें आप शॉर्ट सेल करते हैं, जैसे कि आपने सुबह इंफोसिस के 40 शेयर शॉर्ट सेल कियें। बाद में आपने वापस खरीद लिए, इसमें भी सेम ही बात है कि आपने मार्केट बंद होने से पहले अपनी पोजीशन को क्लोज कर दी।

इसका अर्थ यह है कि आप सुबह ट्रेडिंग शुरू होने पर शेयर खरीदते है और आपको उसी दिन एक्सचेंज के बंद होने से पहले अपने सभी पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करना होता है, यानी कि बंद करना होता है‌।

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स्क्वायर ऑफ शब्द का प्रयोग कहां होता है।

डियर पाठक, स्क्वायर ऑफ शब्द का प्रयोग अक्सर इंट्राडे ट्रेडिंग में होता है। और आपको बता दें कि इस बेसिक जानकारी का पता हर ट्रेडर को होना चाहिए।

स्क्वायर ऑफ वर्ड को समझने से पहले, आपको इंट्राडे समझना जरूरी है इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में पूरी जानकारी के लिए आप यह आर्टिकल पढ़ सकते हैं, ‌ इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? चलिए आपको शॉर्ट में समझाते हैं कि इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होती है।

इंट्राडे ट्रेडिंग दो शब्दों से जुड़कर बना है। पहला ‘इंट्रा’ और दूसरा डे, इसका मतलब एक ही दिन के भीतर। यदि कोई इन्वेस्टर शेयर यह सिक्योरिटी की खरीददारी और बिक्री एक ही दिन के अंदर कर देता है, तो यह ट्रेड इंट्राडे ट्रेडिंग कहलाता है।

आप शॉर्ट सेलिंग के बारे में भी यह आर्टिकल पढ़ सकते हैं, शॉर्ट सेलिंग क्या है? शॉर्ट सेलिंग में आप शेयर को आप पहले बेचते हैं।

अगर आप ऑफलाइन यह चीज करते हैं तब भी आपको इसी कंडीशन का सामना करना पड़ेगा

कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

  1. डियर पाठक, स्टॉक मार्केट में प्री ओपनिंग सेशन सुबह 9:00 बजे से लेकर 9:15 तक होता है।
  2. और आपको बता दें कि स्क्वायर ऑफ टाइम सभी ब्रोकर के लिए सेम नहीं होता है, यह सभी ब्रोकर पर अलग-अलग टाइम में उपलब्ध है अधिक जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए टेबल की जांच कीजिए।
  3. और यह भी जान लीजिए यहां पर शेयर का प्रयोग हुआ है, इसका मतलब यह कतई नहीं है कि केवल शेयर ही स्क्वायर ऑफ होता है। बल्कि इसमें मार्केट की हर सर्विस शामिल है़ जैसे अन्य कोई सिक्योरिटीज, डेरीवेटिव, कमोडिटी, करेंसी इत्यादि।

ऑटोमैटिक स्क्वायर ऑफ का समय, Auto Square off Meaning in Trading in Hindi

जैसे कि हमने ऊपर सीखा की इंट्राडे पोजीशन को हमें तो करना पड़ता है। और अगर आपने इंट्राडे ट्रेडिंग में जिस दिन पोजीशन ली उसी दिन सही टाइम पर पोजीशन को स्क्वायर ऑफ नहीं, की यानी कि एग्जिट नहीं हुए तो आपका जो ब्रोकर है। वह आपकी पोजीशन को ऑटोमेटिक स्क्वायर ऑफ कर देता है। इसी को Auto Square off Meaning in Trading in Hindi कहा जाता है।

डियर पाठक सभी ब्रोकर्स का अपना अपना ऑटो स्क्वायर ऑफ टाइम अलग-अलग होता है। जैसे कि हमने पहले बताया है कि आपने अपनी पोजीशन को एग्जिट नहीं किया है तो आपका ब्रोकर उसके टाइम के हिसाब से आप की पोजीशन को ऑटो स्क्वायर ऑफ कर देगा। साथ ही इसकी पेनल्टी भी लेगा। इसलिए अपनी सारी पोसिशन्स को निर्धारित समय से पहले स्क्वायर ऑफ कर देना चाहिए। 

आपको अपने ब्रोकर का स्क्वायर ऑफ टाइमिंग जानना जरूरी है के लिए आप ब्रोकर की ऑफिशल वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं, टेबल से आप देख सकते हैं कि ब्रोकर कितने पेनल्टी लगाते हैं।

ब्रोकरऑटो स्क्वायर ऑफ टाइमऑटो स्क्वायर ऑफ शुल्क
जेरोधा3:15 से 3:20 PMरु 50 + 18% GST
आईसीआईसीआई डायरेक्ट3:30 PMरु 50 + 18% GST
HDFC सिक्योरिटीज3:00 PMरु 50 + 18% GST
अपस्टॉक्स3:15 PMरु 20 + 18% GST
5 पैसा3:15 PMरु 20 + 18% GST
एंजेल ब्रोकिंग3:15 PMरु 50 + 18% GST
SBIसिक्योरिटीज3:05 PMरु 50 + 18% GST
शेयरखान3:30रु 50 + 18% GST
कोटक सिक्योरिटीज3:10रु 50 + 18% GST

स्क्वायर ऑफ के प्रकार

डियर पाठक, स्क्वायर ऑफ 2 प्रकार का होता है :-

  1. ऑटो स्क्वायर ऑफ (Auto Square Off)
  2. मैनुअल स्क्वायर ऑफ (Manual Square Off)

ऑटो स्क्वायर ऑफ, डियर पाठक यह आपको पहले ही बता दिया कि ऑटो स्क्वायर ऑफ, ब्रोकर द्वारा किया जाता है, और यह ब्रोकर तब करता है जब किसी टेंडर की पोजीशन खुली रह जाती है तब ब्रोकर सिस्टम पोजीशन को ऑटोमेटिक स्क्वायर ऑफ कर देता है।

मैनुअल स्क्वायर ऑफ, का मतलब है। ट्रेडर अपनी पोजीशन खुद बंद करता है।

ऑटो स्क्वायर ऑफ के प्रकार

  1. टाइमर आधारित (Timer Based)
  2. MTM मार्केट टू मार्केट (Market to Market Base)

टाइमर आधारित स्क्वायर ऑफ :-

इसमें ट्रेडर की पोजीशन पहले से ही निर्धारित टाइम पर हो जाती है, हालांकि समय अलग-अलग ब्रोकर के हिसाब से तय होता है, बेसिकली यह टाइम 3:00 बज कर। वहीं दूसरी ओर किसी ब्रोकर का समय 3:25 हो सकता है।

टाइमर बेस ऑटो स्क्वायर ऑफ की विशेषताएँ 

  1. इक्विटी और फ्यूचर और ऑप्शन ( F & O ) में जितनी मार्जिन और इंट्राडे पोजीशन है वे सभी लिमिट / क्रेडिट होने के बावजूद भी स्क्वायर ऑफ हो जाएगी।
  2. प्री स्क्वायर ऑफ मोड में एक ग्राहक अपनी पोजीशन को स्क्वायर ऑफ कर सकता है, लेकिन वह नई पोजीशन नहीं बना सकता।
  3. इसके अलावा , सभी लंबित ऑर्डर ऑटो स्क्वायर ऑफ होने तक खुली रहती है । प्रोडक्ट टाइप डिलीवरी में नई पोजीशन तभी बन सकती है जब फंड / लिमिट विस्तार किये हो।
  4. प्रोडक्ट टाइप डिलीवरी में बदली हुई पोजीशन को स्क्वायर ऑफ नहीं किया जा सकता।

(MTM) मार्केट टू मार्केट स्क्वायर ऑफ

MTM में किसी ग्राहक की इक्विटी और फ्यूचर और ऑप्शन(F&O) में हुई एमटीएम लॉस की गणना करने के बाद स्क्वायर ऑफ हो जाएगा।

एमटीएम बेस स्क्वायर ऑफ की विशेषताएँ :-

  • प्री स्क्वायर ऑफ में 70 % और ऑटोस्क्वायर ऑफ में 80 % स्क्वायर ऑफ प्रतिशत सेट किया गया है ।
  • प्री – स्क्वायर मोड में, केवल डिलीवरी ऑर्डर के लिए उपलब्ध फंड की सीमा तक स्वीकार किया जाएगा और लंबित ऑर्डर तब – तक रहेंगे, जब तक की ऑटो स्क्वायर ऑफ ट्रिगर्स नहीं हो जाता है।
  • MTM को ऑटो स्क्वायर ऑफ को प्रतिशत में शुरू किया जाता है , तब सभी रुके हुए ऑर्डर्स रद्द कर दिए जाएँगे । और डिलीवरी के लिए कोई नया ऑर्डर प्लेस नहीं किया जा सकता है जो कि फंड में उपलब्ध है।
  • सेगमेंट के अलावा कैश या फ्यूचर में सभी ओपन पोजीशन को स्क्वायर ऑफ किया जा सकता है।

निष्कर्ष, स्टॉक मार्केट में स्क्वायर ऑफ का मतलब क्या होता है?

आज के इस लेख, स्टॉक मार्केट में स्क्वायर ऑफ का मतलब क्या होता है? के अंदर हमने जाना कि स्क्वायर ऑफ , ट्रेडिंग का एक ऐसा फीचर है जहाँ एक ट्रेडर लाभ अर्जित करने के लिए शेयर्स को खरीदता और बेचता है। यह डे – ट्रेडिंग का एक हिस्सा है, इसलिए ट्रेडर को उसी दिन ट्रेडिंग सेशन के अंत तक अपनी सभी पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करना होता है।

आशा करते हैं कि आज का लेख स्टॉक मार्केट में स्क्वायर ऑफ का मतलब क्या होता है? आपको बहुत ही नॉलेजेबल लगा होगा हमारे बारे में अधिक जानने के लिए हमारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विजिट कर सकते हैं

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