नमस्कार डियर पाठक आज के इस लेख में हम जानेंगे SIP Meaning in Hindi और SIP क्या होता है, और इसका निवेश से क्या वास्ता है और लोग आखिर SIP के जरिए ही निवेश क्यों करते हैं। आपने भी लोगों के मुंह से सुना होगा कि म्यूच्यूअल फंड में निवेश करना है, तो SIP के जरिए ही करो।
आज के इस लेख में हम आपका सारा डाउट क्लियर करने वाले हैं, कि SIP क्या होता है और SIP से आखिर किस प्रकार एक निवेशक के लिए रिस्क कम हो जाता है। SIP के क्या फायदे हैं, और क्या नुकसान है, और यह भी जानेंगे कि क्या एक सामान्य निवेशक को SIP के जरिए म्यूच्यूअल फंड में निवेश करना चाहिए।
म्यूच्यूअल फंड क्या है और कैसे निवेश करें
निवेश किसे कहते हैं और कैसे किया जाता है
शेयर मार्केट में कैसे निवेश करें?
SIP क्या है ? What is SIP Meaning in Hindi
SIP Meaning in Hindi – SIP का मतलब सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan) SIP को शॉर्ट में लोग सिप भी कहते हैं। जैसा कि हमें नाम से ही प्रतीत हो रहा है की SIP निवेश करने का एक सुव्यवस्थित तरीका है। सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान आपको हर महीने एक निश्चित रकम को आपकी पसंदीदा Mutual Fund स्कीम में डालने का अवसर देता है, यह आमतौर पर इक्विटी म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में शुरू किया जाता है।
इन्वेस्टर पूरा पैसा एक साथ इन्वेस्ट करने के बजाय निश्चित समय अंतराल में निश्चित राशि का निवेश करता है। उदाहरण के लिए एक इन्वेस्टर ने ₹1500 हर महीने की SIP स्टार्ट की है, तो वह हर महीने ₹1500 म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करता रहेगा। देखिए छोटा-छोटा निवेश करने से इन्वेस्टर पर ज्यादा फाइनेंशियल दबाव नहीं पड़ता है। इसलिए बहुत कम आमदनी वाला निवेशक भी इस प्रकार म्यूच्यूअल फंड में निवेश कर सकता है।
और इस निवेश को इन्वेस्टर म्यूच्यूअल फंड्स की NAV के अनुसार करता है। NAV का मतलब – Net Asset Value है यानी कि म्यूच्यूअल फंड की एक यूनिट का दाम है। जिस प्रकार स्टॉक मार्केट में 1 शेयर के हिसाब से निवेश किया जाता है वैसे ही म्यूचुअल फंड में एक यूनिट के हिसाब से निवेश किया जाता है। और यह NAV हर रोज चेंज होती है। इसलिए हर अलग महीने में निवेशक अलग NAV पर म्यूच्यूअल फंड खरीदता है।
जब मार्केट में तेजी होती है तो NAV कम होगी और मार्केट में मंदी है तो यह ज्यादा होगी कुल मिलाकर सभी स्थितियों में निवेशक ₹1500 निवेश करता रहेगा और एक टाइम पर यह NAV एवरेज हो जाएगी। म्यूचुअल फंड में सही प्रकार से निवेश किया जाए तो यह भविष्य में बढ़िया रिटर्न देता है।
शेयर मार्केट में नुकसान से बचने के टिप्स
SIP के फायदे
सिप के बहुत सारे फायदे हैं?
- SIP के द्वारा निवेश करने पर सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें निवेश का रिस्क कम हो जाता है। और SIP के जरिए निवेश करने पर इन्वेस्टमेंट पीरियड ओर अमाउंट को लेकर एक फ्लैक्सिबिलिटी रहती है, कहने का मतलब निवेशक अपनी सुविधा के अनुसार निवेश की अवधि प्रति महा, तिमाही या फिर छमाही का विकल्प चुन सकते हैं, और जब भी आपको जरूरत पड़े आप इसे रोक सकते हैं और अपनी SIP से पैसा ले सकते हैं।
- टाइम टाइम पर इन्वेस्ट करने से आपको, रूपी कॉस्ट एवरेजिंग का बेनिफिट मिलता है। यानी कि अगर मार्केट में गिरावट है और आपने पैसा इन्वेस्ट किया तो आपको ज्यादा यूनिट आलॉट होंगे और मार्केट में तेजी आने पर अलॉट होने वाले यूनिट की संख्या कम हो जाती है। इस प्रकार बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति में भी आप का खर्च एवरेज बना रहता है और गिरावट पर भी आपको लॉस नहीं होता है। ऐसे में जब भी बाजार में तेजी आती है तो निवेशक को अपने औसत निवेश पर ही अच्छा रिटर्न लेने का मौका मिलता है।
- SIP में कंपाउंडिंग का तगड़ा फायदा मिलता है। इसलिए हमेशा SIP लॉन्ग टर्म के लिए होनी चाहिए। क्योंकि जितना लंबे समय के लिए होगी कंपाउंडिंग का उतना ही ज्यादा फायदा। कंपाउंडिंग का मतलब यह है, कि आप को पहले से मिले रिटर्न पर भी रिटर्न मिलता है।
- निवेशक व्यवस्थित रूप से निवेश करना सीख जाता है।
- टॉप अप एसआईपी का प्रयोग करके निवेश राशि को बढ़ाया जा सकता है।
- कम राशि से भी यह निवेश शुरू किया जा सकता है।
SIP के नुकसान
डियर पाठक SIP के नुकसान कुछ इस प्रकार है :-
- लॉन्ग टर्म की SIP से मिला रिटर्न, लॉन्ग टर्म के एकमुश्त इन्वेस्टमेंट पर मिले हुए रिटर्न से कम होता है।
- प्रतिमाह इन्वेस्टमेंट के लिए बैंक में पर्याप्त रूप से धन राशि होनी चाहिए।
- और निवेश के समय पर्याप्त रूप से धनराशि ने होने पर बैंक पेनल्टी चार्ज पी कर सकता है।
- और आपको बता दें कि लगातार 3 किस्ते ड्यू होने पर निवेशकों की SIP को रद्द कर दिया जाता है।
SIP के मुख्य बिंदु
(एसआईपी) SIP के प्रकार
डियर पाठक SIP के तीन प्रकार होते हैं:-
- टॉप-अप एसआईपी (SIP)
- फ्लेक्सिबल एसआईपी
- परपेचुअल (निरंतर चलने वाली) एसआईपी
SIP शुरू करने के लिए कितनी रकम चाहिए?
आप किसी म्यूचुअल फंड (Mutual Fund ) स्कीम में SIP सिर्फ ₹500 महीने की राशि से शुरुआत कर सकते हैं। यह आपके ऊपर डिपेंड करता है
शेयर मार्केट में SIP क्या होता है?
आप विभिन्न कीमतों पर म्युचुअल फंड यूनिट खरीदते हैं, इसलिए आपको बाजार या बाजार में उतार-चढ़ाव के समय के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है।
SIP में कितना रिटर्न मिल सकता है?
एसआईपी (SIP) निवेश के अनुशासित साधन होते हैं क्योंकि वे यह सुनिश्चित करते हैं कि आपका निवेश लगातार बढ़ेगा। पूरी प्रक्रिया का स्वचालन आपके निवेश को एकमुश्त निवेश के विपरीत समय के साथ बढ़ने देता है
SIP पर कितना ब्याज मिलता है।
म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर आपको 12 से 16 परसेंट आमतौर पर ब्याज मिल सकता है।
SIP का फुल फॉर्म क्या है? :- SIP का फुल फॉर्म Systematic Investment Plan (सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान) है।
निष्कर्ष :- SIP Meaning in Hindi
डियर पाठक SIP जानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान आपको हर महीने एक निश्चित रकम को आपकी पसंदीदा Mutual Fund स्कीम में डालने का विकल्प देता है। यह आमतौर पर इक्विटी म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में शुरू किया जाता है। कुल मिलाकर इसमें निवेशक को रिस्क लगभग ना के बराबर होता है और इसमें मार्केट के उतार-चढ़ाव का भी ज्यादा इफेक्ट नहीं पड़ता है और फालतू झंझट भी नहीं है, आपको मार्केट देखने की। इसीलिए लोग SIP का इस्तेमाल करते हैं।
आशा करते हैं आज का लेख SIP Meaning in Hindi आपको पसंद आया होगा और यह लेख लगभग हर व्यक्ति के लिए इंपॉर्टेंट है इसीलिए आप इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अवश्य शेयर करें। कुछ जानकारी समझ में ना आए हो तो आप इस वीडियो के माध्यम से समझ सकते हैं।