नमस्कार डियर पाठक आज के इस Article में हम जानेंगे कि (Short Selling) शॉर्ट सेलिंग क्या है और यह शेयर मार्केट में कैसे कार्य करता है? ज्यादातर लोगों को Short selling का ज्ञान नहीं है, अधिकतर Investor को लगता है की मार्केट में तब ही पैसे कमायें जा सकते है। जब मार्केट ऊपर की ओर बढ़ता हो,
लेकिन आपको बता दें कि ऐसा नहीं है अगर इन्वेस्टर को सही नॉलेज हो तो वह Bull Market में भी पैसे कमा सकता है और bear market में भी पैसे कमा सकता है। Bear मार्केट में पैसे Short selling करके कमायें जा सकते हैं, चलिए आगे जानते हैं कि शॉर्ट सेलिंग कैसे करते हैं? और इससे शेयर मार्केट में कैसे पैसे कमायें जा सकते हैं।
शॉर्ट सेलिंग क्या है? What is Short Selling in Hindi?
डियर पाठक Short selling तब की जाती है। जब कोई इन्वेस्टर उस शेयर को बेचता है जोकि बिजनेस के टाइम पर उसके Owned में नहीं होते। यानी कि खुद के नहीं होते हैं, Short selling में, Short Seller ब्रोकरेज की हेल्प से मालिक से शेयर उधार लेता है, और उसके Analysis के अनुसार कीमतें गिरने की उम्मीद के साथ Market Price पर बेचता है। और जब कीमतों में गिरावट आती है तो Short seller शेयर को बेचता है, और अपना Profit कमाता है।
अगर आपको भी जानना की Short Selling कौन करता है, तो आपको बता दें कि Short Selling Experienced Seller और investors द्वारा की जाती है और जान ले की शॉर्ट सेलिंग अटकलों पर बेस्ड हैं। Short selling में शेयरों की कीमत मालिक के पास वापस आने से पहले गिर जायेगी। शॉर्ट सेलिंग में Profit भी high है और Risk भी high है। इसीलिए शॉर्ट सेलिंग प्रॉफिट कमाने के साथ-साथ भारी जोखिम उठाने में भी सक्षम है।
स्टॉक मार्केट में शॉर्ट सेलिंग क्या है? What is short selling in the stock market?
Stock Market में, थोड़े से टाइम के अंदर Profit कमाने के लिए Short Selling की जाती है। हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि यह एक extended period के लिए स्टॉक के Owner होने जैसा है। long time के लिए Investor future में कीमतों की वृद्धि की उम्मीद करते हुए शेयर खरीदते हैं, वही short sellers शेयर की कीमतों में गिरावट प्राइस की स्थिति और प्रॉफिट का अनुमान लगाते हैं।
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शेयर बाजार में शॉर्ट सेलिंग कैसे करें? How to do short selling in stock market?
Short selling में पहले शेयर को बेचते हैं और फिर उसे खरीदते हैं। ऐसा लग रहा है ना कि यह क्या है जब हमारे पास शेयर है ही नहीं तो किसे बेचेंगे लेकिन यही सच है, क्योंकि आप जिस भी ब्रोकर के माध्यम से शेयर खरीदते हैं। वह उस शेयर मालिक को विश्वास दिलाता है शाम तक आपका Share वापस खरीद लेंगे तभी कोई investor short sale कर पाता है।
चलिए Short Selling एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं
उदाहरण- मान लीजिए किसी xyz कंपनी के एक शेयर की कीमत ₹500 है। और हमारा Analysis कहता है कि आज इस कंपनी के शेयर की कीमत गिरेगी। और हमने उस xyz कंपनी के 100 शेयर ₹500 में शॉर्ट सेल कर दिया यानी कि बेच दिया।
और दो ढाई घंटे में उस शेर की कीमत ₹490 हो गयी। और फिर हमने उन शेयर्स को खरीद लिया। एक शेयर पर हमको ₹10 का प्रॉफिट हुआ। क्योंकि हमने 100 शेयर्स शॉर्ट सेल किए थे। इसलिए हमारा प्रॉफिट कुछ इस प्रकार होगा 100×10 =1000 यानी हमको ₹1000 का प्रॉफिट हो गया है
एक घंटा बाद उस शेयर का दाम ₹380 हो गया। फिर आप उनको खरीद लिया। एक शेयर पर ₹20 मुनाफा हुआ। चुकी आप 50 शेयर बेचे थे इसलिए 50 × 20 = 1000 यानी आपको 1 घंटे में ₹ 1000 का मुनाफा हो गया। इसे इंट्राडे short selling कहते हैं।
इस प्रकार आप किसी भी कम शेयर पहले बेच देंगे और उसके बाद उसे खरीद लेंगे। यदि उसकी Price गिर गई तो आपको प्रॉफिट हो जाएगा।
शॉर्ट सेलिंग के महत्वपूर्ण बिंदु: Important Points of short selling:
- डियर पाठक जैसा कि हमने बताया है, की Short selling में, सेलर के पास वह शेयर नहीं है। जो वह बेच रहा है बल्कि इन्हें दूसरे मालिक से उधार लिया जाता है।
- शॉर्ट सेलिंग के लिए Retailer & Institutional दोनों इन्वेस्टरो को अनुमति दी जाती है।
- शॉर्ट सेलिंग अटकलों (speculation) पर बेस्ड है।
- जैसा कि हमने जाना शॉर्ट सेलिंग के दौरान, सेलर मूल्य में गिरावट पर दांव लगाता है। और अगर फिर कीमतों में वृद्धि हो जाती हैं, तो सेलर को Loss होगा।
- व्यापारियों को अपने दायित्व का सम्मान करना होगा और निपटान के टाइम शेयर मालिक को शेयर वापस करने होंगे।
- यहां तक की इन्वेस्टरो को यह भी बताना होगा कि यह जो लेन देन है एक शॉर्ट सेलिंग होने जा रही है।
- आमतौर पर शॉर्ट सेलिंग मंदी के टाइम पर होती है क्योंकि तब बाजारों में मूल्य गिरने की गुंजाइश बहुत अधिक रहती है।
शॉर्ट सेलिंग के फायदे, Benefits of Short Selling
डियर पाठक आपको short selling तो समझ में आ गई होगी अब हम जानते हैं कि शॉर्ट सेलिंग के क्या फायदे हैं-
शॉर्ट सेलिंग के फायदे तो काफी है लेकिन हम कुछ Main फायदों के बारे में जान लेते हैं।
- पहला फायदा तो यह है कि Short selling में हमें शेयर की असली कीमत नहीं चुकानी पड़ती क्योंकि इसका मालिक कोई और होता है इसलिए हम कम पैसों से कई गुना शॉर्ट सेलिंग कर सकते हैं।
- शॉर्ट सेलिंग Liquidity प्रदान करता है।
- शॉर्ट सेलिंग खराब शेयरों की अचानक कीमतों में वृद्धि को रोकता है।
- स्टॉक मार्केट के ऊपर जाने के कोई विशेष चांस नहीं होते हैं लेकिन नीचे गिरने के कई सारे चांस हो सकते हैं जैसे Tragedy, a particular epidemic, loss of relations with a country, व्यापारी गुट की लड़ाई इसलिए शॉर्ट सेलिंग में आराम से प्रॉफिट कमाया जा सकता है। लेकिन सही Analysis के साथ
- जब भी मार्केट या कोई कंपनी शेयर की कीमतों में गिरावट आई है तो आप पैसा कमा सकते हैं।
शॉर्ट सेलिंग के नुकसान, Disadvantages of short selling
मार्केट में short selling के कई सारे नुकसान भी है, क्योंकि कई सारे लोग इसका गलत इस्तेमाल भी करते हैं अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में लेकिन आप इसका Illegal उपयोग ना करें यह बहुत ही गलत बात होती है। चलिए आइए देखते हैं कि शॉर्ट सेलिंग के क्या नुकसान है और इसका कंपनी पर क्या असर पड़ता है।
- डियर पाठक मार्केट के manipulators अक्सर शेयर की कीमतों को कम करने के लिए short selling के गलत उपयोग का सहारा लेते हैं। जिसके कारण इतना बढ़ जाती है और यह मार्केट के लिए एक महत्वपूर्ण रिस्क बन जाता है।
- शेयर की कीमतों में जानबूझकर कमी करना कंपनी के Confidence को डाउन कर देता है जिसके कारण कंपनी की फंड जुटाने की वैल्यू कम हो जाती है।
- डियर पाठक कई बार निवेशक सही analysis नहीं करता है, और किसी कंपनी का शेयर शॉर्ट सेल कर देता है लेकिन उस दिन उस कंपनी के शेयर का कोई खरीददार नहीं है। तो investor defaulter की श्रेणी में आ जाते हैं और सेबी द्वारा उन पर Fine लगाया जाता है।
- शॉर्ट सेलिंग करने के बाद कई कंपनियां lower circuit लगा देती हैं जिसके कारण निवेशक को वह शेयर बेचने में बहुत सारी प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है। जिसके कारण कई बार उसे नुकसान उठाना पड़ सकता है
- short selling बहुत ही रिस्की कार्य हैं अगर यहां पर सही तरीके से Analysis नहीं हुआ High Financial Risk का सामना करना पड़ सकता है
शॉर्ट सेलिंग के रिस्क | Risks of short selling
डियर पाठक शॉर्ट सेलिंग में केवल पैसों का नुकसान ही नहीं है शॉर्ट सेलिंग में और भी कई रिस्क हैं, जिनको आप ध्यान में रखें।
1, टाइमिंग की गलती :-
शॉर्ट सेलिंग करते समय शेयरों की बिक्री और खरीद उचित टाइम पर डिपेंड रहता है। क्योंकि शेयर की कीमतों में तुरंत तो गिरावट नहीं हो सकती और फिर जब आप प्रॉफिट बुक करने के लिए इंतजार करते हैं, तब आप मार्जिन और ब्याज (Interest) चुकाने के लिए भी उत्तरदायी है।
2, पैसे उधार लेना :-
शॉर्ट सेलिंग का मतलब margin trading होता है जिसके अंदर एक Investor Brokerage Firm से पैसे उधार लेता है। जोकि बंधक के रूप में Asset यानी परिसंपत्ति का उपयोग करते हैं। Brokerage firm निवेशक के लिए अकाउंट में एक निश्चित प्रतिशत बनाए रखना कंपलसरी करता है। और अगर आपने इससे कम किया तो आपसे इस कमी को पूरा करने के लिए कहा जाएगा।
3, एनालिसिस करके शॉर्ट सेलिंग करें,
जैसा कि आप मार्केट में देखते हैं कई कंपनियों की हालत खराब है लेकिन उनकी टीम दिमाग लगाकर इन हालातों को सुधारने की कोशिश करते हैं और Intelligent Team कंपनी की कार्यप्रणाली को चेंज कर सकती है वे अपने मूल्य को कम करने की बजाय कंपनी के शेयर की कीमत में वृद्धि कर सकते हैं इसलिए अगर आप Short selling करते हैं तो आपकी हालत खराब हो सकती है यहां पर
Fundamental Analysis कैसे करें?
शेयर मार्केट चार्ट एनालिसिस कैसे करें
निष्कर्ष, शॉर्ट सेलिंग क्या है।
डियर पाठक आज के इस Article शॉर्ट सेलिंग क्या है? और यह Share Market में कैसे कार्य करता है? के अंदर हमने सीखा की शॉर्ट सेलिंग क्या होती है? शॉर्ट सेलिंग कैसे की जाती है? Short Selling के क्या नुकसान और क्या फायदे हैं? और बहुत कुछ
Short Selling अनुभवहीन व्यापारियों और सट्टेबाजों के लिए नहीं है जो गतिविधि में निहित जोखिमों से अवगत नहीं हैं।केवल मार्केट की गतिशीलता का गहन ज्ञान रखने वाले इन्वेस्टरो को शॉर्ट सेलिंग का अभ्यास करना चाहिए। यह नए लोगों के लिए प्रो टिप है
It is not intended for inexperienced traders and speculators who are not aware of the risks inherent in the activity. Only investors with an in-depth knowledge of market dynamics should practice short selling. this is pro tip for newbies
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