Reliance – Jio Financial Services DEMERGER |निवेशक होंगे मालामाल

भारत के सबसे बड़े बिजनेसमैन MR. Mukesh Ambani ने एक बहुत बड़ा फैसला लेते हुए, रिलायंस कंपनी से Jio Financial के शेयर को अलग कर दिया है, यानी कि डिमर्ज कर दिया है, कंपनी में डिमर्ज की प्रोसेस शुक्रवार 20 July से शुरू हो गई है

तो जिस भी व्यक्ति के पास में 20 जुलाई से पहले यदि रिलायंस कंपनी का अगर एक शेयर है, तो उसके बदले में उनको Jio Financial का एक शेयर मुफ्त में मिलेगा, जिसके कारण ज्यादा से ज्यादा लोग reliance कंपनी के शेयर को खरीदते हुए दिख रहे हैं,

लेकिन रिलायंस और Jio Financial के Demerger के पीछे की क्या कहानी है, आखिर मुकेश अंबानी को रिलायंस और जिओ फाइनैंशल services को Demerger करने की क्या जरूरत थी पड़ी चलिए हम इसे विस्तार से जानते हैं चलिए जानते हैं

Reliance – Jio Financial Services DEMERGER Full Story Explained

रिलायंस भारत की सबसे बड़ी पेट्रोकेमिकल और ऑयल इंडस्ट्री है, रिलायंस industry में अभी भी रिलायंस रिटेल है जिसका हर साल प्रॉफिट लगभग ₹9000 करोड़ से ₹10000 करोड़ तक जाता है,

इसके साथ ही रिलायंस इंडस्ट्री में अभी तक Jio telecome भी है जिसका प्रॉफिट लगभग हर साल ₹20000 करोड़ तक जाता है तो आखिरकार Reliance इंडस्ट्री के मालिक मुकेश अंबानी ने इतना ज्यादा रेवेन्यू देने वाली कंपनियों को अलग करने की बजाय उन्होंने Jio Financial Services जो कि एक बहुत ही छोटी कंपनी है, तो आखिरकार इसको मर्जर करने की क्या जरूरत पड़ी है

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Why Jio Financial Services DEMERGER

jio financial services कंपनी एक NBFC ( Non-Banking Financial Services ) Business है, तो यहां पर मुकेश अंबानी का सबसे बड़ा बिजनेस प्लान यह है कि वह जिओ फाइनैंशल सर्विसेज के द्वारा छोटेेे स्तर पर काम करने वाले लोगों और Small कंपनियों को लोन बांटना है,

जिससेे इनको ज्यादा प्रॉफिट हो सके क्योंकि नॉन बैंकिंग फाइनेंसल सर्विसेज (nbfc) कंपनियों का सबसे बड़ा बिजनेस यही होता हैै, जहां पर यह कंपनियां बॉन्ड्स और आदि जगहों से पैसा उठाती है और उसको ज्यादा रिटर्न पर लोगों को देकर ब्याज कमाती है

तो अब रिलायंस ग्रुप एक बहुत ही अच्छा ग्रुप माना जाता है जिसके कारण यदि जिओ फाइनैंशल सर्विसेज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्री के साथ में ही मर्ज रहती, तो उससे बैलेंस शीट और आदि कार्य करने में बहुत ही परेशानी उठाना पढ़ सकता था जिसके कारण इस कंपनी को रिलायंस इंडस्ट्री से demerger कर दिया गया है

Jio Financial Services Business Model

जिओ फाइनैंशल सर्विसेज कंपनी का ज्यादातर फोकस ज्यादा से ज्यादा लोगों को लोन बांटना और जिओ पेमेंट्स बैंक आदि जैसे कई सारी सर्विस है jinko आगे बढ़ाना है लेकिन अगर हम जियो फाइनेंसियल सर्विसेज कंपनी का फाइनैंशल रिकॉर्ड देखते हैं तो उसमें कंपनी लगातार आउटपरफॉर्म करते हुए नजर आ रही है

Jio Financial Services Pe ratio

जिओ फाइनेंसियल सर्विसेज कंपनी की वैल्यूएशन लगभग ₹1.6 लाख करोड़ रखी गई है, जिसका यदि हम पी रेशों निकालते हैं तो वह लगभग 1,30000 निकल कर आता है, जो कि बहुत ही ज्यादा लग रहा है, लेकिन इतने अच्छे ग्रुप का यह सब करने के पीछे की वजह क्या है

रिलायंस ग्रुप के द्वारा जिओ फाइनैंशल सर्विसेज कंपनी की इतनी ज्यादा वैल्यूएशन मांगने का सबसे बड़ा कारण है कि इस कंपनी के पास रिलायंस इंडस्ट्री की 6.1% हिस्सेदारी है यही कारण है कि कंपनी ने जो 1.6 लाख करोड़ का वैल्यूएशन मांगा है वह कंपनी के प्रॉफिट के हिसाब से नहीं बल्कि कंपनी के assets के हिसाब से डिसाइड किया गया है

Jio Financial DEMERGER

तो ज्यादातर लोग जो जिओ फाइनेंसियल सर्विसेज कंपनी के शेयर को खरीदने के पीछे दीवाने हो रखे हैं उसके पीछे का सबसे बड़ा कारण यही है कि लोगों को यह विश्वास है

कि आज तक रिलायंस ग्रुप ने जिस भी बिजनेस में अपना कदम रखा है वहां पर उन्होंने काफी अच्छे से मेहनत की है और ज्यादा से ज्यादा Invester को रेवेन्यू जनरेट करके दिया है यही कारण है,

कि लोगों को थोड़ा सा ज्यादा वैल्यूएशन पर कि इस कंपनी के शेयर को खरीदने में किसी भी प्रकार की कोई हिचकिचाहट नहीं हो रही है

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