Call Option and Put Option in Hindi | कॉल व पुट ऑप्शन

नमस्कार डियर पाठक आज के इस लेख में हम जानेंगे कि कॉल और पुट ऑप्शन क्या होते हैं (Call Option and Put Option in Hindi) प्रिय पाठक शेयर मार्केट में कई तरह के ट्रेडिंग सेगमेंट होते हैं और उनमें से ही सबसे ज्यादा जो ट्रेडर्स को लुभाता है या आकर्षित करता है वह ऑप्शन ट्रेडिंग। ऑप्शन ट्रेडिंग की बात करें तो यह एक प्रकार का कॉन्ट्रैक्ट होता है जो एक खरीददार को ऑप्शन एक्सपायरी वाले दिन ट्रेड सेटल करने का राइट्स प्रदान करता है।

और यह दो प्रकार के होते हैं, पहला होता है कॉल ऑप्शन, दूसरा होता है पुट ऑप्शन, आज हम इन्हीं के बारे में समझेंगे की कॉल ऑप्शन क्या होता है। और पुट ऑप्शन क्या होता है दोनों में क्या अंतर है, और किस प्रकार कॉल ऑप्शन को ट्रेडिंग में इस्तेमाल किया जाता है, और किस प्रकार पुट ऑप्शन को ट्रेडिंग में इस्तेमाल किया जाता है।

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What is Call or Put Option in Hindi

Call Option and Put Option in Hindi – ऑप्शन ट्रेडिंग के अंदर अगर आप ऑप्शन बायर (Buyer) है और अगर आपको लगता है कि मार्केट ऊपर जाएगा यानी कि मार्केट बुलिस है। तो आपको Call Buy करना है। और अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग में ऑप्शन सेलर है और आपको लगता है कि मार्केट ऊपर की ओर जाएगा तो तो आपको Put Sell करना है।

वहीं अगर आप ऑप्शन बायर है और आपको लगता है कि मार्केट नीचे की ओर जाएगा यानी बेयर्स ट्रेंड में है तो, आपको Call Option को Sell करना है, वहीं अगर आप ऑप्शन सेलर है और आपका मत भी यही है कि मार्केट नीचे की ओर जाएगा तो आपको Put Option BUY करना है।

इक्विटी ऑप्शन भी एक डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट है और इनकी कीमतें फाइनेंशियल प्रोडक्ट के मूवमेंट पर डिपेंड करती है। यह ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट एक निर्धारित वैल्यू जिसे आसान भाषा में ऑप्शन प्रीमियम कहा जाता है और वैलिडिटी के साथ आते हैं। ऑप्शन बायर और सेलर को वह प्रीमियम देता है। साथ ही ऑप्शन को अपने चुने हुए स्ट्राइक प्राइस पर ट्रेंड करने का राइट्स देता है।

अब जैसा कि आपको हमने ऊपर बताया है शेयर मार्केट सभी ट्रेड्स ट्रेंड पर निर्भर करते हैं, जैसे कि अगर ट्रेंड बुलिश है तो आपको लॉन्ग पोजीशन लेनी है, और इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेंड बेयरिश है तो शार्ट पोजीशन लेनी है। डेरिवेटिव मार्केट में ट्रेंड के आधार पर दो प्रकार के ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट होते हैं, इन्हें कॉल और पुट ऑप्शन कहा जाता है।

Call or put option in hindi

NOTE – आपको ऑप्शन में सेलिंग करने के लिए बहुत ज्यादा कैपिटल की आवश्यकता होती है, क्योंकि सेलिंग में कोई मार्जिन नहीं मिलता है। ऑप्शन में अगर आप बायर है तो आपको काफी मार्जिन मिल जाता है और आप थोड़े से पैसे में अधिक लॉट ले सकते हैं।

चलिए आपको चारों ऑप्शन को विस्तार से समझाते हैं

कॉल ऑप्शन क्या है।

स्टॉक मार्केट में डेरिवेटिव ट्रेडिंग करने के कई सारे नियम होते हैं और उनमें से एक है कि अगर आपको इंडेक्स में ट्रेड करना है तो आप सीधे इंडेक्ड को नहीं खरीद सकते इसके लिए आपको उस इंडेक्स के ऑप्शन को खरीदना पड़ता है जैसे कि यदि आप बैंक निफ्टी में ट्रेड करते हैं तो आपको कॉल ऑप्शन कब खरीदना चाहिए

Buyer – आपके पास यदि कम पैसे है और आप एक ऑप्शन बायर है तो आपको लग रहा है कि बैंक निफ़्टी आने वाले दिनों में ऊपर जाने वाला है तो आपको बैंक निफ़्टी का कॉल ऑप्शन खरीदना है

Ex. जैसे कि बैंक निफ़्टी ₹40000 पर है तो आप वहां पर अपने कैपिटल के हिसाब से ₹40200 और ₹39900 आदि के कॉल ऑप्शन खरीद सकते हैं इन ऑप्शन की कीमत आपको ₹300 से ₹500 के भीतर देखने को मिलती है अब अगर मार्केट ₹40200 पर जाता है तो आपने जो ₹39900 की कॉल खरीदी है उसका प्राइस मान लेते हैं कि ₹300 था तो वह ₹300 से बढ़कर ₹370 हो जाएगा लेकिन अब अगर मार्केट आपकी डायरेक्शन में नहीं जाता और मार्केट 40,000 से नीचे आ जाता तो उस केस में आपको ₹300 की कॉल के भाव गिरते हुए देखने को मिलते और यह भाव गिर कर ₹250 तक आ सकते हैं

पुट ऑप्शन क्या है

Sellers – आप एक ऑप्शन सेलर है और चाहे मार्केट ऊपर जाए या नीचे जाए आप हमेशा बेचकर ही पैसा कमाना चाहते हैं तो अब यदि आपको भी लगता है की मार्केट आने वाले कुछ दिनों में ऊपर जाने वाला है अब चुकी आप हमेशा बेचकर ही पैसा कमाते हैं तो आपको वहां पर पुट बेचना है क्योंकि जब मार्केट ऊपर जाएगा तो पुट गिरेगा तो अब आपने पुट को बेच रखा है तो उस केस में आपको फायदा होगा चलिए हम इसे उदाहरण से समझते हैं

Ex. आप बैंक निफ्टी में ट्रेड करते हैं और अभी बैंक निफ़्टी ₹40000 पर चल रहा है और आपको भी लग रहा है कि मार्केट आने वाले दिनों में ऊपर जाने वाला है तो आपको उस केस में ₹40200 या फिर ₹39900 की पुट को सेल करना है इस पुट का भाव आपको ₹400 से ₹500 के बीच में देखने को मिलता है

अब यदि आपने 40200 की पुट को को सेल कर रखा है और मार्केट 40,000 से बढ़कर 40200 तक जाता है तो आपकी पुट ₹400 से घटकर ₹320 तक आ जाएगी क्योंकि अब यह घटा है तो इस केस में आपको फायदा होगा लेकिन अगर मार्केट आपकी डायरेक्शन मैं नहीं जाता है तो आपकी पुट के भाव बढ़ जाएंगे और जैसे कि अगर वह ₹400 पर थी और वह ₹450 हो गई तो उस केस में आपको इसमें आपको नुकसान उठाना पड़े सकता है

कॉल और पुट में क्या अंतर है – Call and Put difference

कॉल ऑप्शन – Call Option पुट ऑप्शन – Put Option
जब मार्केट ऊपर जाता है तब यह बढ़ता हैजब मार्केट नीचे जाता है तब भी है बढ़ता है
कॉल ऑप्शन प्रत्येक एक्सपायरी को जीरो हो जाता हैपुट ऑप्शन प्रत्येक एक्सपायरी को जीरो हो जाता है
जब मार्केट बढ़ता है तो ऑप्शन बायर इसको खरीदता हैजब मार्केट गिरता है तो ऑप्शन बायर इसको खरीदता है
जब मार्केट गिरता है तो ऑप्शन सैलर इसको बेचता हैजब मार्केट बढ़ता है तो ऑप्शन सैलर इसको बेचता है
यदि मार्केट एक रेंज में है तो भी इसका भाव गिरता हैयदि मार्केट एक रेंज में है तो भी इसका भाव गिरता है

निष्कर्ष – Call Option and Put option in hindi

प्रिय पाठक हम आशा करते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन लेख पसंद आया होगा हमने आपको इसमें जितना हो सकता है आसान भाषा में समझाने का प्रयास किया है तो यदि आपका इस लेख से संबंधित कोई भी सवाल है तो आप हमसे नीचे कमेंट में पहुंच सकते हैं और यदि आपको Call Option and Put option in hindi लेख पसंद आया है तो आप इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जरूर शेयर करें

2 thoughts on “Call Option and Put Option in Hindi | कॉल व पुट ऑप्शन”

  1. How to trade call option and put option in real market. Thanks a lot sir
    .

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  2. Good to understand that you have said in hindi.

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